राजकीय अमृतकौर अस्पताल में अवैध वसूली

IMG_8734IMG_8737ब्यावर, 6 अक्टूबर। राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय में व्याप्त भ्रष्टाचार व प्रसूताओं से हो रही अभद्रता की शिकायत लेकर मंगलवार को विश्व हिंदू परिषद की महिला इकाई मातृशक्ति दुर्गावाहिनी ने उपखण्ड अधिकारी नमित मेहता से मुलाकात की। जिला प्रभारी अर्चना लोहिया के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर मरीजों को हो रही परेशानी से अवगत कराया।
मातृशक्ति ने कहा कि राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय ब्यावर उपखण्ड का सबसे बड़ा राजकीय अस्पताल है। यहां पांच जिलों के सैंकड़ों मरीज प्रतिदिन उपचार के लिए आते हैं। मगर अस्पताल प्रबंधन की उदासीनता व चिकित्सालय कर्मियों की मनमानी के कारण मरीजों को उचित उपचार नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल में आने वाले मरीजों को ठीक से देखा तक नहीं जाता। कई बार तो चिकित्सक क्रोधित होकर मरीज का मर्ज और बढ़ा देते हैं। इतना ही नहीं, गायनिक वार्ड में प्रसूताओं व उनके परिजनों से मनमानी वसूली और अभद्रता की जाती है। चिकित्सालय में भ्रष्टाचार चरम पर है। हाल ही 23 सितंबर की रात एक प्रसूता प्रसव पीड़ा से कराहती हुई राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय पहुंची। यहां कार्यरत नर्स विमलेश ने इलाज के लिए रुपए मांगे। प्रसूता व परिजन ने आर्थिक स्थिति कमजोर होने की दुहाई दी तो कर्मचारी अभद्रता करने लगे। नर्स ने प्रसूता के हाथ से 560 रुपए जबरन छीन लिए।
मातृशक्ति ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की ओर से चलाई जा रही जननी शिशु सुरक्षा योजना का लाभ प्रसूताओं को अमृतकौर अस्पताल में नहीं मिल रहा है। सरकार प्रसव के बाद सहायता राशि का चैक देती है उसकी रकम महिला चिकित्सक व नर्सिंग स्टाफ पहले ही वसूल लेता है। ऐसे में सरकार की सहायता प्रसूता को मिलने से पहले ही छीन जाती है। गायनिक में यह गोरखधंधा चिकित्सक से लेकर कर्मचारी तक सभी मिलकर करते हैं। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. उर्मिला पोरवाल की शह पर प्रसूताओं व उनके परिजनों से अवैध वसूली की जाती है। डॉ. पोरवाल खुद महिलाओं से अभद्रता करती है। इनके दुव्र्यवहार से साथी चिकित्सक भी परेशान हैं। डॉ. उर्मिला पोरवाल कई बार विवादों में रही है। इसके बावजूद भी न जाने क्यों अस्पताल प्रबंधन इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं करता है। मातृशक्ति दुर्गावाहिनी संगठन ने राजकीय अमृतकौर अस्पताल में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच करवाने व गायनिक वार्ड में कार्यरत महिला चिकित्सक डॉ.उर्मिला पोरवाल को तत्काल हटाने की मांग की है। इस दौरान तारा सोनी, साधना सारस्वत, ममता गुप्ता, वीणा राठौड़, ममता पाखरोट, इंदु शर्मा, मंजू काबरा, मंजू शर्मा, पुष्पा खटोड़, शशि यादव, कलावती माली व अन्य कार्यकर्ता मौजूद रही।
-सुमित सारस्वत, स्वतंत्र पत्रकार

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