पाशचत देशो की पहचान धन है और भारत की पहचान घर्म है-जगतगुरू श्री रामदयाल जी महाराज
अजमेर। 27 दिसम्बर 2015 शनिवार कीमत पानी की नहीं प्यास की होती है, कीमत मौत की नही सांस की होती है। दया करते हैं मेरे राम सभी पर, कीमत दया की नहीं विश्वास की होती है। यह उद्गार आज राम नाम परिक्रमा महोत्सव के तहत परम श्रृद्धय जगत गुरू श्री रामदयाल जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा और कहा कि परमात्मा मानने का विषय नही मनन करने करने का विषय है। हमारी नाम संस्कृति को आक्शुण बनाये रखने में राम नाम संग्रह, लेखन, परिक्रमा अति महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है और कहा कि जो भोजन करे उसे भजन आवश्यक करना चाहिए और जो भोजन दे उस परमात्मा का भजन करना चाहिए और कहा कि राम ही नाम के प्रताप से मीरा का जहर का प्याला अमृत बन सकता है तो तुम उस राम के नाम का आश्रय क्यो न ले। परम श्रद्धय राम दयाल जी महाराज ने कहा कि परमात्मा मंहगी से महंगी घड़ी सबको दे किन्तु मुशकील की घड़ी किसकी को न दे। राम नाम अविनाशी है। उससे मिलने वाला सुख भी अविनाशी है। राम नाम ब्रह्म है और यह ब्रह्म की परिक्रमा है। हमारी यह अयोध्या नगरी इस बात का साबूत है कि राम ही ब्रहम है। स्वामी विवेकानन्द के शिकागो संस्मृण कर वर्णन किया और कहा कि राम नाम में ही मुक्ति है बुद्वि के ठेकेदार माने या ना माने। कार्यक्रम के सहसंयोजक उमेश गर्ग ने बताया कि इस महोत्सव के तहत आज श्री राम मानस मण्डल के देवेन्द्र कुमार झा ने संगीतमय सुन्दर काण्ड का पाठ किया। तत्पश्चात् अन्तराष्टीय रामस्नेही सम्रप्रदाय के जगत गुरू श्री श्री 1008 रामदयाल जी महाराज का पावन सानिध्य एवं सत्संग का लाभ अजमेर की धर्मप्रेमी जनता को मिला। सहसंयोजक कंवल प्रकाश ने बताया कि महोत्सव में नृत्यांगन कथक कला केन्द्र की स्मिता भार्गव ने भगवान कृष्ण को संमर्पित नृत्य एवं नृत्यनाटिका प्रस्तुत की। आज प्रस्तुत नृत्य नाटिकाऐं निम्न प्रकार है- अधरम मधूरम, मूरली मनोहर कृष्ण कन्हैया….., कान्हा नही मानत बतीया…., वृन्दावन कून्ज में नाचत गिरधारी…, मी राधिका मी प्रेमिका…, खैले बृज में होली कन्हैया….. नृत्य प्रस्तुत किये एवं र्द्वाेपति का चिर हरण एवं नाच्यों बहुत गोपाल पर नृत्य नाटिका प्रस्तुत करी स्मिता भार्गव के साथ विरेन्द्र, नवीन, पदमजा, सोमया, तृप्ति, अमिशा, पराजकता, निविशा ने नृत्य एवं नृत्य नाटिका प्रस्तुत की। सयसंयोजक सुभाष काबरा ने बताया कि कार्यक्रम में आज भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद रासासिंह रावत, वरिष्ठ पत्रकार एस.पी मित्तल अजमेरू प्रेस क्लब के अध्यक्ष, बाधिर, विकलांग एवं नेत्रहीन बंधुओं की सेर्वाध संस्था सक्षम के भारतेश जी मंगल, पूर्व उपमहापौर सोमरतन जी आर्य, यजमान सुमीत खेतावत, गोपाल चोयल, ओम प्रकाश गर्ग, श्री शंकर सिंह रावत का अभिनन्नदन व स्वागत किया गया। परम श्रृद्धय रामदयाल जी महाराज के आरती का लाभ रामस्नेही ओम प्रकाश, नितेश अग्रवाल, संयोजक सुनील दत्त जैन, सहसंयोजक सुभाष काबरा, कंवल प्रकाश, उमेश गर्ग, महेन्द्र जैन मित्तल सहित उपस्थित सभी भक्त सामुदाय ने लिया।
आज कार्यक्रम में कैलाश सिंह भाटी, अगम प्रसाद मिततल, पं. किशन, आर.एस. चौधरी, लीला साहू, श्रीमती नीना शर्मा, चन्द्र प्रकाश शर्मा, रचित कच्छावा, शिव दत्त शर्मा, शेलेन्द्र सतावला, सत्यनारायण सिंघल, पुष्पेन्द्र कुमार गुप्ता, लक्ष्मी नारायण गनेड़ीवाल, दिनेश परनामी, प्रदीप शर्मा, घनश्याम गर्ग, अशोक टांक सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित थे।
परिक्रमा स्थल में सृजित राम दरबार में विशेष
51 अरब हस्तलिखित श्री रामनाम महाराज की परिक्रमा के आयोजन में जो राम दरबार स्थापित किया गया हैं, उसका अपना एक विशेष महत्व हैं। यह राम दरबार भी हस्तांकित हैं। बाल कृष्ण पुरोहित ने बताया कि इस राम दरबार में महिषि श्रीमती देवकी पाण्डे ने, (अपनी उम्र के उस पडाव में, जिसमें कि अक्सर महिलाओं के हाथ हिलने लगजाते हैं, ) अठारह बार मानस के पंचम सोपान, श्री सुन्दरकाण्ड को, अंकित किया हैं। और उसके बाद नीचे नीले रंग की पट्टिका में राम राजतिलक की गाथा को पांच बार अंकित किया, हैं। श्रीमती पांण्डे ने इस चित्र का अंकन किसी विशेष प्रयोजनार्थ किया था,पर इस दरबारको तो, समस्त राम भक्तों के दर्शनार्थ आना था, और यह आज सब राम नाम भक्तों की मनोकामना पुर्ण करने वाली श्री रामनाम महामंत्र परिक्रमा में, परिक्रमार्थियों को अपनी आशिषे प्रदान कर कृतार्थ कर रहा हैं। श्रीमती पांण्डे ने चित्रांकन करते वक्त यह सोचा भी नहीं था कि, इसके अंकन का कोई गणितभी निकल आयेगा। पर जब हमने इसका गणित लगाया तो, परिणाम आया ,कि, सम्पूर्ण श्रीरामचरितमानस इस रामदरबार में समाहित हो गया हैं। मानस में कुल १०७८ दोहे हॆं,! इनका योग सात हैं। जो कि मानस के सात सोपान का प्रतिप्रति इनके अतिरिक्त २७ र्श्लोक,33 दोहे अलगसे समाहित हैं,जो कि, १०७८ की गिनती से अतिरिक्त हैं। इनका कुल योग भी होता हैं। अर्थात् इस विलक्षण रामदरबार में सम्पूर्ण राम चरितमानस का अक्षरश. अंकन होगया, जो प्रभुकृपा ही हैं। इस एक ही चौखाने कागज पर सम्पूर्ण राम चरित मानस प्रकट हो गया हैं। सुन्दर काण्ड के साठ दोहे, और वो भी अठारह बार, अर्थात १०८० और साथमें पांचबार रामराजतिलक को पांच बार अंकित करके, सारी कमी पुरी करदी। जिसमें छन्द,सोरठ,और बडे बडे दोहों की अतिरिक्त चौपाइयों के योग को पूर्ण कर दिया गया हैं।
विशेष आयोजन राम बनो प्रतियोगिता
कार्यक्रम के सयोजक सुनील दत्त जैन ने बताया कि दिनांक 29 दिसम्बर को भगवान राम का रूप धारण करने की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है जिसमें 6 माह से 2 वर्ष, 2 वर्ष से 5 वर्ष एवं 5 वर्ष से 9 वर्ष के बालक-बालिकाऐं भगवान के विभिन्न स्परूपों को धारण कर इस प्रतियोगिता में भाग ले सकते है। इसका रजिस्टेशन परिक्रमा स्थल में कार्यालय में किया जा रहा है।
महामंत्र जाप सीमा प्रहरियों के नाम
संयोजक सुनील दत्त जैन ने बताया कि 1 जनवरी 2016 को अयोध्या नगरी, आजाद पार्क में दोपहर 2.00 बजे से 3.15 बजे तक राष्ट की सुरक्षा होती सीमाओं पर तैनात प्रहरियों के मनोबल एवं साहस को बढ़ाने के लिए, सैनिकों को ईश्वरीय ताकत देने के लिए ‘‘श्री राम जय राम जय जय राम‘‘ महामत्र का सामुहिक जाप किया जायेगा। जिसमें सभी राष्टभक्तों को इस अनुष्ठान में आहूति देने हेतू आमंत्रित किया गया है और कहा कि सभी समाज, धर्म, जाति सामुदाय कि लोग अधिक संख्या में पधार कर देशभक्ति का परिचय दे।
दिनांक 28 दिसम्बर 2015 के कार्यक्रम
सुन्दरकाण्ड पाठ दोपहर 3.30 बजे से। परम श्रृद्धय चम्पालाल जी महाराज, मुख्य उपासक राजगढ़ भैरवधाम एवं सुश्री यज्ञना जोशी का पावन सानिध्य एवं सत्संग व महाआरती सांय 6.00 बजे, विख्यात भजन गायक श्री विमल जी गर्ग द्वारा एक शाम भगवान राम लल्ला के नाम भजन संध्या प्रस्तुत की जायेगी।
उमेश गर्ग
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