विश्व किडनी दिवस पर मित्तल हॉस्पिटल में गुर्दा रोगियों को मिली राहत
अजमेर 10 मार्च। विश्व किडनी दिवस दस मार्च के अवसर पर मित्तल हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर,अजमेर में आयोजित नि:शुल्क गुर्दा रोग परामर्श शिविर में अनेक रोगी लाभांवित हुए। सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक आयोजित इस शिविर में हॉस्पिटल के गुर्दा रोग विशेषज्ञ डॉ. रणवीरसिंह चौधरी ने गुर्दा रोगियों को अपनी विशेषज्ञ परामर्श से लाभांवित किया।
शिविर में जिलेभर से अनेक रोगी जांच एवं परामर्श के लिए पहुंचे। अजमेर शहर के विभिन्न इलाकों सहित ब्यावर व मसूदा क्षेत्र से भी कई रोगियों ने मित्तल हॉस्पिटल पहुंच कर शिविर का लाभ उठाया। जामोला, मसूदा निवासी मुकुट बिहारी ने बताया कि वह किडनी की तकलीफ से पीडि़त है। दो साल से उपचार भ्भी ले रहे हैं पर लाभ नहीं मिला। नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. रणवीरसिंह चौधरी की परामर्श से इलाज शुरू कराया तो अब राहत महसूस कर रहे हैं। शिविर में जांच कराने आए हैं। नाका मदार निवासी नरेन्द्र गौतम को पेशाब में जलन व पेशाब कम बनने की परेशानी है। शरीर से थकावट भी महसूस होती है। वे शिविर का लाभ उठाने के इरादे से नेफ्रोलॉजिस्ट से परामर्श लेने आए हैं। दयानन्द कॉलोनी, रामनगर निवासी धन्नालाल गुप्ता के पैरों में सूजन रहती थी। गुर्दा रोग की तकलीफ से जूझ रहे थे। नेफ्रोलॉजिस्ट की परामर्श से उपचार शुरू किया तो राहत महसूस कर रहे हैं।
इसके अलावा मधुमेह व रक्तचाप से पीडि़त, शरीर पर सूजन, भूख कम लगने वाले व्यक्ति, खून की कमी महसूस करने अथवा थकावट का अहसास करने वाले रोगी, डायलिसिस व गुर्दे संबंधित अन्य बीमारियों जैसे संक्रमण, पथरी आदि दर्द से जूझ रहे मरीजों ने भी शिविर में नि:शुल्क परामर्श एवं जांच पैकेज का लाभ उठाया। मित्तल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. दिलीप मित्तल ने बताया कि शिविर में रोगियों को ऑपरेशन व प्रोसीजर्स पर खास रियायत दी गई है। इसमें चिकित्सक की ओर से निर्देशित जांचों पर 25 प्रतिशत तथा ऑपरेशन और प्रोसीजर्स पर अगले सात दिवस तक दस प्रतिशत की छूट दी गई है। शिविर में किडनी डिसिज स्क्रीनिंग पैकेज भी मात्र 500 रुपए मेंं उपलब्ध कराया गया है। गौरतलब है कि इस पैकेज का वास्तविक मूल्य 1360 रुपए है। इस हैल्थ चैक-अप पैकेज का लाभ आगामी 31 मार्च 16 तक लिया जा सकेगा।
क्या है संदेश नेफ्रोलॉजिस्ट का—
किडनी रोग से ग्रसित होने से बचाव को यदि एक लाइन में समझना है तो वह है खून और पेशाब की नियमित जांच कराते रहना। विविध स्तरों पर गहन अध्ययन के बाद यह बात स्पष्ट हुई कि लोग अपने शरीर की नियमित जांचों के प्रति गंभीर नहीं हो पाते। उन्हें जब अपने रोगों के बारे में पता चलता है तो काफी देर हो चुकी होती है। आज के दौर में भागमभाग की जिंदगी, अनियंत्रित खान-पान की आदत, घर-परिवार और ऑफिस का तनाव जाने कब उन्हें ऐसे रोगों की दुनियां में धकेल देता है जिसके लक्षणों का पता काफी ‘एडवांस स्टेजÓ में ही चलता है। तब सिर्फ न रोग गंभीर हो चुका होता है बल्कि उसका उपचार भी जटिल हो जाता है। किडनी दिवस पर यही संदेश है कि स्वयं को निरोगी बनाए रखना है। घर-परिवार-नौकरी के साथ तनिक शरीर पर भी ध्यान दें और खून व पेशाब की नियमित जांचें कराते रहें।
– डॉ. रणवीरसिंह चौधरी, नेफ्रोलॉजिस्ट, मित्तल हॉस्पिटल अजमेर