अजमेर, 01 अप्रेल। किशनगढ़ पंचायत समिति की बांदरसिंदरी ग्राम पंचायत के गणेशपुरा ग्राम के निवासी भैरू जाट 9 बीघा की पैतृक जमीन पर बारानी कृषि द्वारा अपने परिवार का जैसे-तैसे भरण-पोषण करता रहा है। उसके ग्राम पर कभी प्रकृति मेहरबान होती तो कभी रूष्ट हो जाती। खेत में खड़ी फसलंे जो आषाढ़ की बारिश से अंकुरित होकर श्रावण में लहलहाने लगती थी। उन्हें देखकर भैरू और उसका परिवार पुलकित हो जाता था। इसके पश्चात् सामान्यतः इन्द्र देव गणेशपुरा की तरफ पीठ करके बैठ जाते और भैरू कातर निगाहों से आसमान में देखता रहता। उसके जैसे कृषक सोचते आज शाम तक तो इन बादलों से अमृत बरस ही जाएगा। लेकिन बैरी बादल पवनों पर सवार होकर दूसरे देश की यात्रा पर निकल जाते और गणेशपुरा ‘एक और बारिश‘ के लिए इंतजार करते हुए रह जाते। इस ‘एक ओर बारिश’ के इंतजार में भैरू जैसे कितने ही कृषकों की अनगिनत पीढि़यां इंतजार और संघर्ष करते हुए जीवटता का परिचय देती आई है। समय पर बारिश नहीं होने का खामियाजा फसल के कम उत्पादन के रूप में मिलता। कृषक परिवार अपनी दैनिक जरूरतांे को किसी तरह से ढ़ो पाते हैं।
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के अन्तर्गत गणेशपुरा ग्राम में कार्य करने की स्वीकृति प्राप्त हुई। जिला परिषद के दल ने ग्रामीणों की एक बैठक ली और जल के महत्व के बारे में बताया। अन्य ग्रामीणों की तरह भैरू जाट ने भी अपना दर्द दल के साथ साझा किया। विशेषज्ञों ने धैर्यपूर्वक सबकी समस्याओं को सुना और खेतों में फार्म पोण्ड बनाने के लिए सुझाव दिए। कृषकों ने फार्म पेाण्ड की उपयोगिता तथा निर्माण विधि के बारे में अपनी जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त करने के उपरान्त कुछ व्यक्ति फार्म पोण्ड बनवाने के लिए रजामंद हुए। भैरू जाट ने भी अपने खेत पर फार्म पोण्ड बनाने के लिए अपनी सहमति दे दी।
जिला परिषद के तकनीकी विशेषज्ञ तथा किशनगढ़ पंचायत समिति के सहायक अभियंता एवं पीआईए के मार्गदर्शन में फार्म पोण्ड की खुदाई शुरू की गई और देखते ही देखते 50 मीटर लम्बाई तथा 13 मीटर चैड़ाई का 3.10 मीटर गहरा फार्म पोण्ड तैयार हो गया। इसकी भराव क्षमता 2 टीसीएम है। अभियंताओं तथा कृषि विभाग के द्वारा आकलन करने पर यह सामने आया कि एक बार भरा हुआ फार्म पोण्ड भैरू के खेत की दो बार सिंचाई करने के लिए पर्याप्त है। इस फार्म पोण्ड के बनने से अनावृष्टि के समय सिंचाई करके फसलंे प्राप्त की जा सकेगी। साथ ही अतिवृष्टि के समय खेत का अतिरिक्त पानी फार्म पोण्ड में भर जाने से फसलंे गलकर नष्ट होने से भी बच जाएगी। इस फार्म पोण्ड ने भैरू के चेहरे पर जो मुस्कान दी है वह मुस्कान उसकी लहलहाती फसलों को भी शर्माने के लिए काफी है।
