बाबा बादामषाह का 52 वां उर्स कुल की रस्म के साथ संपन्न

बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने दी हाजिरी, षानो अजमत एवं श्रद्धा से चढ़ाई चादर
दूधिया रोषनी में नहाई दिखी सूफी संत बाबा बादामषाह की दरगाह

Baba Urs-6Baba Urs-2अजमेर 9 मई। सूफी संत बाबा बादामषाह का 52 वां सालाना उर्स एवं भण्डारा सोमलपुर स्थित बाबा साहब की दरगाह षरीफ पर मंगलवार तड़के 5 बजे कुल की रस्म के साथ सम्पन्न हो गया। बाबा बादामषाह के उर्स में बड़ी संख्या में अकीदतमंदों ने हाजिरी दी और षानो अज़मत एवं श्रद्धा के साथ चादर पेष की। रात्रि में बाबा बादामषाह की दरगाह दूधिया रोषनी में नहाई दिखी। अरावली पर्वतमाला के बीच बाबा की दरगाह अलग ही छटा बिखेर रही थी, मानो सभी को सुख, षांति, अमन, भाईचारा, सदभाव और समभाव से रहने का संदेष दे रही हो। इससे पहले रात्रि में बाबा की षान में कव्वालों ने सूफीयाना कलाम पेष किए, महफिल रात भर चली।
उवैसिया रूहानी सत्संग आश्रम के अध्यक्ष गुरुदत्त मिश्रा ने बताया कि शाम को बाबा बादामषाह की दरगाह पर अकीदतमंदों का सैलाव उमड़ा। दूर-दराज से आए जायरीन हाथों में मखमली और पुष्प की चादरें लिए थे। चादर के जुलूस के आगे कव्वाल कलाम पेष करते चल रहे थे। चादर के जुलूस में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भी षिरकत की।
इससे पहले सोमवार को प्रातः सेवा, सुमिरन, ध्यानादि का आयोजन हुआ। दोपहर भोजन प्रसादी के पष्चात षाम 5 बजे तक भजन, सत्संग व आध्यात्मिक चर्चा की गई। इसके बाद चादर पेष करने का दौर चला। जायरीन अपनी मुरादें पूरी होने पर बाबा साहब की खिदमत में चादरें पेष कर अपना षुक्राना अदा करते रहे। सायं 7 बजे से 9 बजे तक बाबा का लंगर ( भण्डारा ) हुआ जिसमें हजारों अकीदतमंद षामिल हुए।
रात्रि 9 बजे से सुबह प्रातः 4 बजे तक वर्तमान गुरु मुनेन्द्र दत्त मिश्रा ‘उवैसी’ की सदारत में प्रतिवर्ष की भांति कव्वालियों की महफिल आयोजित हुई। जिसमें जयपुर के कव्वाल अनवार, अजमेर के कव्वाल अगन एवं कुर्बान व साथियों सहित कई कव्वालों की पार्टियों ने बाबा साहब की षान और अकीदत में कलाम पेष किए। महफिल के बाद सुबह सभी कव्वाल पार्टियों द्वारा सामूहिक रूप से रंग व सलाम पेष किया गया, इसके पष्चात कुल की रस्म एवं प्रसाद वितरण के साथ उर्स का समापन हो गया।

गुरुदत्त मिश्रा
अध्यक्ष

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