बंजर भूमि पर अब इठलाती हैं तालाब की लहरें

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एक ही जमीन के दो अलग रूप: - रामसर कैटल फार्म में नवनिर्मित तालाब एवं तालाब निर्माण से पहले अनुपयोगी पड़ी जमीन कुछ इस तरह से दिखती थी। प्रथम दृश्य अनुपयोगी जमीन एवं द्वितीय दृश्य नवनिर्मित तालाब।
एक ही जमीन के दो अलग रूप: – रामसर कैटल फार्म में नवनिर्मित तालाब एवं तालाब निर्माण से पहले अनुपयोगी पड़ी जमीन कुछ इस तरह से दिखती थी। प्रथम दृश्य अनुपयोगी जमीन एवं द्वितीय दृश्य नवनिर्मित तालाब।
अजमेर, एक जुलाई । कोई लक्ष्य मनुष्य के साहस और सोच से बड़ा नहीं होता। हम चाहे तो बंजर भूमि को उपजाऊ बना दें और ठान लें तो उसी जमीन पर तालाब बना दें। इसी साहस के सहारे रामसर के कैटल फार्म की बंजर भूमि पर खड़ा हो गया है एक नया तालाब । कुछ दिनों पहले तक यहां से झाड़ियां और बंजर भूमि दिखायी देती थी लेकिन अब आप वहां जाए तो आपको वहां एक छोटे तालाब की लहरें अठखेलियां करती नजर आएंगी।
मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे ने जब राजस्थान में जल स्वावलम्बन अभियान शुरू किया तो उनकी सोच थी कि गांव का पानी गांव में और खेत का पानी खेत में रहे ताकि भूमिगत जल स्तर तो बढ़े ही, मनुष्य और पशुओं की भी पानी की आवश्यकता पूरी हो। मुख्यमंत्राी की यह सोच रामसर के कैटल फार्म में भीलों की बस्ती के पास तैयार हुए 52 हैक्टेयर के नये तालाब में साफ परिलक्षित हो रही है। भीलों की बस्ती नाडी के नाम से तैयार यह छोटा तालाब इलाके में पानी की आवश्यकताओं को पूरा करने में सहायक सिद्ध होगा।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने बताया कि रामसर कैटल फार्म में भीलों की बस्ती के पास एक अनुपयोगी भूमि पर सर्वे कर मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत यह कार्य हाथ में लिया गया। इस काम पर सिर्फ 8 लाख रूपये खर्च हुए और नतीजा पहली बारिश में सामने आ रहा है। कैटल फार्म की यह नाडी मात्रा एक बरसात में लबालब नजर आने लगी है।
उन्होंने बताया कि इस नाडी के निर्माण से रामसर को कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष फायदे मिलेंगे। कैटल फार्म और पशुओं की पानी संबंधी कई जरूरतें तो पूरी होंगी ही साथ ही डाउन स्ट्रीम में रामसर का मुख्य तालाब और आसपास के कुंए भी रिचार्ज हो जाएंगे। क्षेत्रा का भूमि जल स्तर बढ़ाने में भी यह तालाब सहायक सिद्ध होगा।
जिला कलक्टर ने बताया कि करीब पांच फीट गहरायी वाले इस तालाब की भराव क्षमता 4.08 टीएमसी की है। पहली ही बरसात में इसमें अधिकांश भराव क्षमता तक पानी आ गया है। यह मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन की शानदार सफलता है। इसका फायदा पूरे गांव को मिलेगा।

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