नशे का जहरीला धुँआ मत पीओ

बाल नाट्य शिविर का हुआ समापन
राजस्थान संगीत नाटक अकादमी का आयोजन

dsc07318अजमेर/राजस्थान संगीत नाटक अकादमी जोधपुर द्वारा कोटड़ा स्थित ‘सेन्ट्रल एकेडमी सीनीयर सैकण्डरी स्कूल‘ में 16 अगस्त से चल रहे बीस दिवसीय ‘बाल नाट्य प्रशिक्षण शिविर‘ का समापन शुक्रवार 9 सितम्बर, 2016 को नाट्य प्रदर्शन के साथ हुआ। इन अवसर पर शिविर निर्देशक उमेश कुमार चौरसिया द्वारा लिखित एवं निर्देशित नाटक ‘जिंदगी धुँआ ना हो जाए‘ का प्रभावी मंचन नव प्रशिक्षित 30 बच्चों द्वारा किया गया। एक नशेड़ी की अंतिम यात्रा के रोचक दृश्य से प्रारंभ हुए इस नाटक में यह दिखाया गया कि नशे की लत पडने पर व्यक्ति दर्द से तड़पता रहता है। नशे से विवश युवा पढ़ना लिखना छोड़कर चोरी करने और अपना खून तक बेचने को मजबूर हो जाते हैं। अंत में सूत्रधार विद्यार्थियों को आगाह करते हुए कहता है कि जिंदगी को बचाना है तो नशे का यह जहरीला धंुँआ कभी मत पीओ। वरीशा, विश्वजीती, निवेदिता, सार्वी और एना, काजल व नितिक्षा के विविध भूमिकाओं में अभिनय ने खूब तालियां बटोरीं। इस मौके पर विजेन्द्र, अनुभव और अनुराग ने नवरसों की भावपूर्ण प्रस्तुति भी दी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव सुरेश रावत ने कहा कि आज नयी पीढ़ी को इस नशे की बीमारी से बचाने की जरूरत है, इसमें ऐसे नाटक स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों को प्रेरणा दे सकते हैं। सेन्ट्रल अकादमी संस्थान की अध्यक्षा शोभा सुमन मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया। संचालन विपुल मोहन ने किया तथा प्राचार्य अजय राजपूत ने आभार अभिव्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि नाट्य शिविर में कक्षा 6 से 12 के 35 छात्र-छात्राओं को नाट्यविधा के विविध पहलुओं का प्रशिक्षण दिया गया। अंकित शांडिल्य व इमरान खान शिविर में सह प्रशिक्षक रहे। उपाचार्य आलोक मिश्रा व हेतल वर्मा ने सहयोग दिया।

उमेश कुमार चौरसिया
शिविर निर्देशक संपर्क-9829482601

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