सफलता की कहानी : सुशीला की आमदनी हुई चार गुणा

sushila-tailorअजमेर। हरिभाऊ उपाध्याय नगर अजमेर की सुशीला टेलर ने बारहवीं तक अध्ययन किया तथा वैवाहिक जीवन व्यतीत करने लगी। पढ़ाई के प्रति लगाव होने के कारण सुशीला ने एनटीटी एवं पीटीटी किया। परिवार का खर्च उनकी इलेक्ट्रोनिक शाॅप से प्राप्त होने वाली आय से चलता था। उनके मन में विचार आता था कि मैं भी परिवार में आर्थिक मददगार बनूं। इसलिए निजी विद्यालय में अध्यापन करवाना आरम्भ किया। अध्यापन कार्य से मासिक 2000 से 2500 हजार रूपए की आय होती जिससे बच्चों की फीस मे ही पूरे हो जाते थे। मन में बार-बार आर्थिक अक्षमता का अनुभव हो रहा था। एक दिन इन्हें गैर-सरकारी संगठन के माध्यम से जानकारी हुई कि अजमेर में बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान महिलाओं को स्वरोजगार आधारित प्रशिक्षण लेकर आत्मनिर्भर बनाने का कार्य कर रहा है। आर सेटी के भवन में संस्थान निदेशक श्रीमती सीमा खन्ना द्वारा साक्षात्कार के पश्चात ड्रेस डिजाईन फोर वूमेन प्रशिक्षण कार्यक्रम में चयन किया गया। जिसमें कौशल एवं उद्यमिता विकास प्रशिक्षण अच्छा मिला। प्रशिक्षण के पश्चात सुशीला टेलर घर पर सिलाई कार्य करने लगी। कार्य की गुणवत्ता एवं व्यवहार की वजह से घर पर सिलाई व अध्यापन एवं टयूशन कार्य शुरू किया। जिससे मासिक 10 हजार रूपए की आय होती है। इसमें से समस्त खर्चे निकालने के बाद 6 हजार की शुद्ध आय अर्जित हो रही है। बड़ौदा स्वरोजगार विकास संस्थान के प्रशिक्षण ने सुशीला जैसी अनेको महिलाओं को आत्मनिर्भर व आर्थिक मजबूती का हुनर प्रदान किया है।

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