शिक्षा राज्यमंत्राी प्रो. देवनानी के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने की शुरूआत
एनसीईआरटी एक्ट 2017 के प्रस्ताव में हुआ यह मुद्दा शामिल, केन्द्र सरकार करेगी निर्णय
अजमेर के शिक्षा जगत में जुड़ेगा एक नया आयाम
अजमेर, 15 अप्रेल। अजमेर के शैक्षिक आकाश में शीघ्र ही एक नया सितारा जुड़ने जा रहा है। अजमेर में देश के महत्वपूर्ण शैक्षिक केन्द्र क्षेत्राीय शिक्षण संस्थान (रीजनल काॅलेज) को शीघ्र ही राष्ट्रीय स्तर के इंस्टीट्यूशन आॅफ नेशनल इंपोर्टेंस (आईएनआई) के रूप में अपग्रेड किया जाएगा। मानव विकास संस्थान मंत्रालय ने एनसीईआरटी एक्ट 2017 के प्रस्तावित बिल में यह प्रस्ताव भी शामिल किया है। केन्द्र सरकार की हरी झण्डी मिलते ही इस क्षेत्राीय संस्थान को राष्ट्रीय स्तर के संस्थान के रूप में मान्यता मिल जाएगी।
शिक्षा एवं पंचायतीराज राज्य मंत्राी प्रो. वासुदेव देवनानी ने पिछले साल नेशनल काउंसिल आॅफ एज्यूकेशनल रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में अजमेर के रीजनल काॅलेज को राष्ट्रीय स्तर के संस्थान के रूप में अपग्रेड करने की मांग रखी थी। केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्राी श्री प्रकाश जावड़ेकर ने इस प्रस्ताव को देश की शिक्षा के क्षेत्रा में अहम मानते हुए मंजूर कर लिया। केन्द्र सरकार द्वारा एनसीईआरटी एक्ट 2017 के प्रस्तावित बिल में अजमेर, भोपाल, भुवनेश्वर, मैसूर एवं शिलांग के रीजनल काॅलेजों को अपग्रेड कर इंस्टीट्यूशन आॅफ नेशनल इंपोर्टेंस (आईएनआई) के रूप में स्थापित करने का प्रस्ताव किया है। यह प्रस्ताव केन्द्र सरकार से मंजूर होते ही रीजनल काॅलेज राष्ट्रीय संस्थान के रूप में अपग्रेड होगा।
प्रो. देवनानी ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर के संस्थान के रूप में विकसित होने से अजमेर के रीजनल काॅलेज का दायरा बढ़कर पूरा देश हो जाएगा। साथ ही इसे प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वायत्तता भी हासिल हो जाएगी। अब तक रीजनल काॅलेज एनसीईआरटी के अधीन एक अनुगामी संस्थान के रूप में काम करता है। यहां शिक्षकों एवं शिक्षा के संबलन के लिए लगातार अनुसंधान एवं प्रशिक्षण का कार्य कराया जाता है।
प्रो. देवनानी ने बताया कि रीजनल काॅलेज का अपग्रेडेशन अजमेर के शिक्षा जगत में एक नया मील का पत्थर साबित होगा। अजमेर में रीजनल काॅलेज, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का क्षेत्राीय कार्यालय, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, मेयो काॅलेज सहित कई ऐसी शैक्षणिक संस्थाए है। जिनसे शहर को शैक्षिक नगरी के रूप में पहचान मिली है । किशनगढ़ के पास सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी भी जिले को शिक्षा के क्षेत्रा में एक अलग पहचान दिलाती है।
उन्होंने बताया कि रीजनल काॅलेज के अपग्रेड होने से इस संस्थान को अपनी नीतियां, फैकल्टी, सिलेबस एवं अन्य कामकाज में पूरी तरह स्वतंत्राता हासिल हो जाएगी। गौरतलब है कि अजमेर का रीजनल काॅलेज पूरे उत्तर भारत में शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण के लिए ख्याती प्राप्त है।
