सत्संग प्राप्त हो जाये तब ही यह जीवन सार्थक है

DSC_2237 copyअजमेर। बाल संत गौवत्स राधा कृष्ण जी महाराज का कहना है कि मनुष्य शरीर मिलने पर यदि सत्संग प्राप्त हो जाये तब ही यह जीवन सार्थक है, जिस प्रकार डिग्री प्राप्त करने के बावजूद बढ़िया नौकरी ना मिलने पर डिग्री व्यर्थ है उसी प्रकार सत्संग के बगैर मानव जन्म पाना भी व्यर्थ है। जवानी जीवन का सबसे कीमती समय होता है। जितना जवानी का सदुपयोग कर लेंगे उतना जीवन और समाज सुखमय होगा।
आज़ाद पार्क में अपनी अनूठी शैली में ठाकुर जी को अतिप्रिय ’’नानी बाई का मायरा” एवं मीरा चरित्र की कथा का रसपान करवा
रहे गौवत्स राधा कृष्ण जी महाराज ने कथा के दूसरे दिन मंगलवार को कथा के दौरान कहा कि पूर्ण समर्पण भाव से की गयी भक्त की भावना अवश्य भगवान् तक पहुँचती ही है। भगवान् मनुष्य की प्रत्येक आवश्यकता को समझते हैं और पूर्ण भाव से की गयी प्रार्थना को स्वीकार भी करते हैं। लोग सामने वाले हैसियत देखकर ही सलाह है।
गौवत्स राधा कृष्ण जी महाराज ने बेटी बचाने का सन्देश देते हुए कहा कि कन्या धन है, कन्या के जन्म पर भी थाली बजानी चाहिए। दुनिया भर में राजस्थान की पहचान मीराबाई से है। लंदन की यूनिवर्सिटी में मीराबाई पर रिसर्च चल रही है। मीराबाई के जन्म पर उनके पिता ने भी थालियां बजवाई थीं।
गौवत्स राधा कृष्ण जी महाराज ने कहा कि नानीबाई का मायरा तो नरसी जी के जीवन का एक प्रसंग मात्र है। भगत नरसी मेहता का पूर्ण जीवन वृत्त अत्यधिक विस्तृत है। यदि किसी बात का पूर्ण ज्ञान न हो तो उस सम्बन्ध में कोई सलाह नहीं देनी चाहिए।
गौवत्स राधा कृष्ण जी महाराज ने कहा कि आज के यांत्रिक युग ने जीवन को असुरक्षित कर दिया है। स्पीड की होड़ दुर्घटनाओं को जन्म दे रही है। उन्होंने प्लास्टिक के बढ़ते चलन की निंदा हुए कहा प्लास्टिक की थैलियों को खाने से गायें अस्वस्थ होती हैं और उनकी मृत्यु तक हो जाती हैं। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक की थैलियों में भरकर फेंके गए भोजन को खाने से यदि किसी गाय की मृत्यु होती है तो उसका गौ हत्या का पाप लगता है।
गौवत्स राधा कृष्ण जी महाराज ने कहा कि भगवान् का गुणगान गाने वाला व्यक्ति कभी दुखी नहीं हो हो सकता। मैं जिसका ज़िक्र करता हूँ, वो मेरी फिक्र करता है, बदरिया कितनी भी बरसे छतरिया वो पकड़ता है। जब भी जीवन में कोई प्रतिकूलता आती है श्रीहरि सदैव मदद को आते हैं। भगवान हमेशा भक्तों के करीब बैठे हैं। भक्तों को किसी प्रकार की चिंता नहीं करनी चाहिए। श्रीकृष्ण अंगरक्षक बनकर नहीं बल्कि अंग-संग होकर भक्तों साथ चलते हैं। ठाकुर जी का एकमात्र व्यसन उनका भजन है। भक्त जब पूर्ण भाव से भजन करता है तो तो उसे भगवान् भगवान् का वात्सल्य प्राप्त होता है।
गौवत्स राधा कृष्ण जी महाराज ने अपनी सुमधुर वाणी में पूर्ण संगीत वाद्य वृन्दों के साथ “मेरो प्यारो नन्दलाल किशोरी राधे”, नानीबाई रा मायरा रो बायां रस लो, उठो भाई बेलियाँ थे भजो राम-राम जी, सेठां में साँवरों सेठ बाकी सब डुप्लीकेट, आजा-आजा रे सांवरिया बात बनाजा रे सांवरिया भरजा नानीबाई रो मायरो, घणी दूर से दोड़्यो, मेरे सिर पर रख दे ठाकुर अपने ये दोनों हाथ आदि भजन सुनाये तो श्रोतागण भाव-विभोर होकर झूमने-नाचने लगे। उन्होंने जब देशभक्ति के भाव से परिपूर्ण गीत कर चले हम फ़िदा जानो-तन साथियों, अब तुम्हारे हवाले वतन साथियों सुनाया तो पूरा पांडाल देशभक्ति के रस में डूब गया।
आज भरा जाएगा नानीबाई का मायरा:- बुधवार को कथा में सांवरिया सेठ द्वारा नानीबाई के ससुराल में मायरा भरने आदि प्रसंगो का वर्णन किया जायेगा।
प्रारम्भ में कथा के मुख्य यजमान श्री शिवशंकर फतेहपुरीया पवन, हरिश एवं श्री राम फतेहपुरीया ने व्यास पीठ पूजन कर कथा का वंदन किया । समाज सेवी कालीचरण दास खण्डेलवाल, ओमप्रकाश मंगल के मार्गदर्शन में कथा का आयोजन किया जा रहा है जिसका संयोजन एवं संचालन उमेश गर्ग कर रहे है। यजमान शिव शंकर फतेहपुरीया के साथ सहयोगकर्ता प्रेमजी गोयल, गोपालजी गोयल, रजनीश हेड़ा, अजय शर्मा, लक्ष्मीनारायण हटूका, राजेंद्र घीया, भारती श्रीवास्तव, शिवरतन वैष्णव, विनीत कृष्ण पारीक, पवन मिश्रा, रमाकांत बाल्दी, शंकर लाल बंसल, सीताराम मंत्री, दिनेश परनामी कमल मूंदडा, शैलेन्द्र अग्रवाल विष्णु गर्ग एवं भजन गायक एवं समाज सेवी विमल गर्ग, अशोक तोषनीवाल, जगदीश गर्ग पूरे मनोयोग से सेवा में संलग्न हैं।
गौमाता परिक्रमा – प्रतिदिन समस्त ब्रह्मांड की परिक्रमा के समान फलदायी गौमाता की परिक्रमा कथा स्थल पर सुलभ है है। ये व्यवस्था सर्वेश्वर संकीर्तन मण्डल के अनिल ऐरन, सुनील गर्ग के नेतृत्व में की गयी है।
प्रभात फेरीः- सन्यास आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी शिवज्योतिषानन्द जी महाराज के पावन सानिध्य में चल रही प्रभात फेरी प्रतिदिन प्रातः 5ः45 से 6ः45 तक राधाकृष्ण जी महाराज के सानिध्य में संचालीत हो रही है। मंगलवार को यह प्रभात फेरी सन्यास आश्रम से आरम्भ होकर निम्बार्ककोट, चूड़ी बाजार, नया बाजार होते हुए सन्यास आश्रम पहुंची। ये व्यवस्था श्री लक्ष्मीनारायण जी हटुका, रमेश मित्तल, आलोक माहेश्वरी एवं प्रभात फेरी परिवार द्वारा की जा रही है। यह प्रभात फेरी गत छह वर्ष से निरंतर जारी है। बुधवार को प्रभात फेरी सन्यास आश्रम से आरम्भ होकर नगीना बाग जाएगी और पुनः सन्यास आश्रम आएगी।
संयोजक
उमेश गर्ग
9829793705

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