मदनगंज-किशनगढ़। मुनि पुंगव 108 सुधासागर जी महाराज ने कहा कि अपने कुल धर्म को छोड़कर तुम इधर उधर क्यों भटकते हो। क्या तुम्हें अपने धर्म पर अपने भगवान पर विश्वास नहीं है? तुम इधर उधर भटकते हो तो तुम भले ही कोई पाप नहीं कर रहे हो किन्तु तुम अपने भगवान का अपमान तो जरूर कर रहे हो। अपने भगवान पर विश्वास और अपने धर्म पर आस्था होना बहुत जरूरी है। ये उद्गार मुनिश्री ने आर.के. कम्यूनिटी सेन्टर में चल रहे प्रवचन के दौरान व्यक्त किए। मुनिश्री ने मंदिर निर्माण की बात पर जोर देते हुए कहा कि संकट के समय कहते हो कि आदिनाथ भगवान मेरे है और जब मंदिर निर्माण की बात आती है तो कहते हो मंदिर समाज का है। ऐसे में जब तुम्हारें पर कोई संकट आया तो भगवान भी यहीं कहेंगे कि मैं सिर्फ तुम्हारा ही नहीं हँू पूरे समाज का हूँ। उन्होंने कहा कि मकान के लिए, बच्चों की शादी और पढ़ाई के लिए, गाड़ी के लिए और जो भी कोई काम हो उसका पैसा निकालने के बाद जो पैसा एडजस्टिंग पड़ा है, जो काम का नहीं है उसको मंदिर में लगा दो। जितना पैसा मंदिर में लगाओगे उसी शेयरिंग में तुम्हारें पास वापस लौट कर आएगा। उन्होंने कहा कि तुमने मुनि को नमोस्तु किया तो मुनि भी तुमको नमोस्तु करेगा क्योंकि ये तो व्यवहार है और इसके लिए तुमको भी मुनि बनना पड़ेगा। अगर तुम मुनि नहीं बन सकते हो तो ऐसा मंदिर बना दो जिसे मुनिराज नमोस्तु करे। ऐसा करने से व्यवहार पूरा हो जाएगा। जैन कुल में जन्म लिया है तो पावन होकर यानि मुनि बनकर मरना या मंदिर निर्माण जैसा पावन काम करके मरना। क्योंकि जब मंदिर में कोई अभिषेक-पूजन करेगा तो उसका पुण्य तुमको भी मिलेगा। मुनिश्री ने कहा कि तुम कोई पाप कर्म करते हो तो उसमें सफलता के लिए तुम कभी भगवान का या गुरू को याद मत करो, इनको शामिल मत कर लेना। ऐसा किया तो तुम्होरे पाप कभी धूलने वाले नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर तुम भगवान को चाहते हो, गुरू को चाहते हो तो वो काम भी मत करो जो इनको पसंद नहीं है।
ये रहे आज के श्रावक श्रेष्ठी
श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन पंचायत के प्रचार प्रसार मंत्री विकास छाबड़ा ने बताया कि चित्र अनावरण, दीप प्रज्ज्वलन और पाद प्रक्षालन का सौभाग्य संतोष कुमार मनीष कुमार हितेश कुमार जैन परिवार झांसी वालों को मिला। शांतिधारा के पुण्यार्जक पवन कुमार बडजात्या परिवार रहा। इसके साथ ही मुनिश्री का पूजन, सामयिक, जिज्ञासा समाधान, बच्चों की पाठशाला, आरती आदि दैनिक कार्यक्रम सम्पन्न हुए।
इस अवसर पर निहालचंद पहाडिय़ा, प्रकाश गंगवाल, सम्पत दगड़ा, निरंजन बैद, नौरतमल पाटनी, प्राणेश बज, जयकुमार दोषी, माणकचंद गंगवाल, दीपक रारा, नागेन्द्र जैन, नीरज अजमेरा, प्रमोद लुहाडिय़ा, अनिल पाटनी, सुनील बाकलीवाल, पिन्टू पाटनी, अन्दीप बाकलीवाल, नितेश गदिया आदि समाज के लोग उपस्थित थे।