वल्र्ड हाईपरटेंशन डे-2019
अनजाने में कहीं आप बीपी के मरीज तो नहीं हो गए
मित्तल हाॅस्पिटल एण्ड रिसर्च सेंटर, अजमेर के हृदय रोग विशेषज्ञ डाॅ. विवेक माथुर ने आज एक परिचर्चा में यह विचार रखे। परिचर्चा में हाॅस्पिटल के डाॅ. राहुल गुप्ता, किडनी रोग विशेषज्ञ डाॅ. रणवीर सिंह चौधरी, फिजीशियन डाॅ. तरूण सक्सेना, डाॅ सुधीर खन्ना, डाॅ दीपक सोगानी, डाॅ. प्रशांत शर्मा, आदि ने हिस्सा लिया। डाॅ विवेक माथुर ने बताया कि हाईपरटेंशन ऐसी बीमारी है जिसका कोई लक्षण नहीं होता किन्तु उसके रिफ्लेक्शन(प्रभाव) शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर देते हैं। पक्षाघात, डिमेंशिया, किडनी फेलियर, विजनलाॅस आदि होना हाईपरटेंशन के रोगी का उपचार नहीं (अनट्रीटेट ) होने के ही कारण है।
डाॅ विवेक ने सभी को सलाह दी कि आप अपने ब्लड प्रेशर के नम्बर को जानिए। यह आपको ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रखने के लिए जानना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारे आस-पास घर परिवार में साथ रहने वाले आधे से ज्यादा लोगों को तो पता ही नहीं होता कि वे हाई ब्लडप्रेशर के रोगी हो चुके हैं। क्यों कि उन्होंने कभी अपना ब्लड प्रेशर जांच ही नहीं कराया। उन्होंने कहा कि इस पर नियंत्रण जागरुकता और नियमित जांच से ही संभव है।
ब्लडप्रेशर नियंत्रण में आ जाए तो लापरवाह ना हों- डाॅ रणवीर चौधरी
डाॅ रणवीर ने बताया कि भारत में हाईब्लड प्रेशर की बीमारी बहुत तेजी से पैर पसार रही है। 23 प्रतिशत भारतीय जनता हाईपरटेंशन की बीमारी से ग्रसित हैं। महिलाओं में 22 प्रतिशत व पुरुषों में 23.5 प्रतिशत लोग हाई ब्लडप्रेशर की बीमारी से ग्रसित हैं।
डाॅ रणवीर ने बताया कि भारत में हर साल 17 लाख मौतें हाईपरटेंशन की वजह से होती हैं। दिमाग के लकवे की वजह से होने वाली मौतों के पीछे 57 प्रतिशत मुख्य कारण हाईपरटेंशन है। 25 प्रतिशत हृदय की बीमारियां हाईपरटेंशन के कारण हैं। डायबिटीज के बाद किडनीफेलियर का मुख्य कारण हाईपरटेंशन हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिदिन व्यायाम करें, घी,तेल, मीठा, नमक, जंक फूड कम लेवें, तनाव से दूर रहें, योग करें तथा नियमित जांच कराएं।