विवेकानंद की याद में किया सामूहिक सूर्य नमस्कार

DSC_2839अजमेर । विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति अजयमेरू तथा विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी की अजमेर शाखा के तत्वाधान में सोमवार 18 फरवरी 2013 को सामूहिक सूर्यनमस्कार स्थानीय पटेल मैदान में प्रातः आयोजित किया गया। यह सामूहिक सूर्यनमस्कार सम्पूर्ण भारत वर्ष में समस्त शहरों में इसी समय आयोजित किया गया।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री रामचरित्र जी, उप महानिदेशक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, ने कहा कि उठो जागो तब तक मत बैठो जब तक की अपने लक्ष्य को प्राप्त न कर लो। देश के कल के लिए युवा पीड़ी को आगे आना होगा, खेलते हुए अपने कल के ध्येय को ध्यान रखना होगा। चाइना जैसे देश हमारे देश को तोडने में लगे है। उन्हें रोकने के लिए युवा पीड़ी संकल्प ले, कि हम भारत को उन ऊँचाईयो पर ले जायेंगे, जहाँ स्वामी विवेकानन्द की जीवन की परिकल्पना थी।
DSC_2875मुख्य वक्ता डॉ क्षमाशील जी, ने कहा कि सूर्यनमस्कार के नियमित अभ्यास से शरीर बलवान व लचीला, मन एकाग्र व शांत, बुद्धि तीक्ष्ण व समग्र तथा भावना संतुलित व उदात्त बनने के साथ ही आध्यात्मिक उन्नति भी होती है। सूर्यनमस्कार के सामूहिक अभ्यास से चमुत्व भाव (टीम स्पिरिट) का विकास व राष्ट्रनिर्माण का संस्कार सहजता से हो जाता है। आयोजन की भव्यता से समाज में सकारात्मक संदेश प्रसारित होता है। कार्यकर्ता, शिक्षक एवं समाज के प्रबुद्ध वर्ग में आत्मविश्वास का संचार होता है।
श्री राधेश्याम जी चोयल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि युवा पीडी को सशक्त राष्ट्र को बनाने के लिए कमजोर मन, व कमजोर स्वास्थ्य से भारत का निर्माण नही होगा। स्वस्थ शरीर ही भारत को निर्माण की ओर अग्रसर करेगा और वह सूर्यनमस्कार से ही संभव है। यहा आये सभी विद्यार्थियों व अन्य सभी को आज ये संकल्प लेना होगा, कि हमे अपने देश को कैसे आगे बढ़ाना है और हम यह प्रण लेकर जायें, कि हमारे देश को गलत बोलने वाले व्यक्ति को हम समझाए और उसमें देशभक्ति की भावना पैदा करे। हमें अपने देश की आलोचना करने वाले व्यक्तियों को कभी क्षमा नही करना चाहिए तथा स्वामी जी के दिखाये रास्ते पर चलने का आग्रह करते हुए अपने देश से प्रेम करने का आह्वान किया।
सूर्यनमस्कार महायज्ञ में जिन विद्यालय ने भाग लियाः-
DSC_2792इस सामूहिक सूर्यनमस्कार महायज्ञ में डी.ए.वी शताब्दी, सेण्ट जोन्स, सेण्ट एन्सलम, वृन्दावन पब्लिक, गुजराती, महाराजा अग्रसेन, हरि सुन्दर बालिका, दयानन्द बाल निकेतन (अंग्रेजी माध्यम), दयानन्द बाल निकेतन (हिन्दी माध्यम), कृष्ण राव वाब्ले बालिका, जीवन भारत, रामेश्वरम विद्यापीठ, संत रामदास, शिवम पब्लिक, रामजस पब्लिक, राजकीय उ.मा. विद्यालय, बालूपुरा, मीरा सैकेण्डरी, न्यू मार्डन, महाराजा पब्लिक, हरी किशन, ब्ल्यू केसर, आदर्श पब्लिक उच्च माध्यमिक, भगवान महावीर, सैरेमनी पब्लिक, गुरू नानक, चारण साहित्य, केन्द्रीय बालिका, सावित्री उ.मा., राजकीय बालिका, पीपली का कुआं, राजा कोठी, ईस्ट पॉइण्ट, सेण्ट जोसफ, डी.ए.वी, भटनागर आदर्श, राजकीय उ.मा. रामगंज, बैंक के पीछे रामगंज, विरजानन्द उ.मा., जियालाल आर्य विद्यालय चांद बावड़ी, मथुरा प्रसाद गुलाब देवी, दयानन्द, अविनाश माहेश्वरी, आर्य पुत्री, इंदिरा पब्लिक, ब्लॉसम, व अन्य विद्यालयों के छात्र, छात्राऐं इस भाग लिया ,तथा अपने विद्यालयों में भी इसी समय पर सूर्यनमस्कार का आयोजन किया।
खण्डः- 
सूर्यनमस्कार महायज्ञ में कुल 9 खण्ड बनाये गये थे। जिसमें देवी कन्याकुमारी, मां भवतारणी, मां सारदामणी खण्ड में समस्त छात्राऐं तथा एक नाथ रानडे, स्वामी राम तीर्थ, सुब्रमणयम भातरी, राजा अजीत सिंह, रोमा रोला, जे.जे गुडविन, खण्ड में समस्त छात्र सूर्यनमस्कार का प्रदर्शन किया।
विवेकानन्द सार्ध शती वर्ष:-  12 जनवरी, 2013 से 12 जनवरी, 2014 तक यह वर्ष स्वामी विवेकानन्दजी के जन्म की सार्ध शती वर्ष के रूप में सम्पूर्ण देश भर में मनाया जा रहा है। समूचे वर्ष भर में इस दौरान कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है। जिनमें सामूहिक सूर्यनमस्कार महायज्ञ, गृह सम्पर्क अभियान, समरसता यात्रा, प्रबुद्ध नागरिक सम्मेलन, भारत जागो दौड़, मानव श्रृंखला आदि प्रमुख हैं। कार्यक्रमों का प्रारम्भ 12 जनवरी, 2013 को भव्य शोभायात्रा के साथ हो चुका है। इसी कडी में आज सामूहिक सूर्यनमस्कार महायज्ञ:-  स्वामी विवेकानन्द ने अपने कई उद्बोधनों में योगासन तथा व्यायाम का महत्व प्रतिपादित किया गया। स्वामी विवेकानन्द द्वारा प्रशस्त मार्ग पर बढ़ते हुए युवाओं में व्यायाम तथा योग के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के उद्देश्य से विवेकानन्द केन्द्र, कन्याकुमारी तथा विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति ने आज 18 फरवरी, 2013 को देश भर में सामूहिक सूर्यनमस्कार कार्यक्रम आयोजित किये गये। यह एक ऐतिहासिक कार्यक्रम होगा जिसमें देशभर के हजारों स्थानों पर करोड़ों विद्यार्थी एक ही दिन में सामूहिक रूप से सूर्यनमस्कार किये। इस कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के कक्षा 9 से 12 में पढ़ने वाले विद्यार्थी भाग लिया।
DSC_2798अन्त में धन्यवाद देते हुए उमरदान लखावत ने कहा स्वामी विवेकानन्द हमेशा कहा करते थे- ‘हमारे देश को चाहिए लोहे की मांसपेशियां और फौलाद के स्नायु। ऐसा शक्तिशाली शरीर और मन  जिसका अवरोध दुनियाँ की कोई ताकत न कर सके’ स्वामीजी के इस शक्तिदायी विचार को ध्यान में रखते हुए भारत को शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक, भावनात्मक और आध्यात्म के बलार्जन का संदेश देने के लिए स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति ओर से देशभर में ‘सूर्यनमस्कार महायज्ञ’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक, छात्र-छात्राएँ तथा अभिभावकों का धन्यवाद दिया गया तथा सामाजिक संस्थाओं जिनका इस कार्यक्रम मे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सहयोग रहा उनका भी धन्यवाद दिया गया।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में छात्राओं कल्पना, स्वाति, पूजा, विनीश, नेहा, अंकिता ने गीत देश हमें देता सबकुछ हम भी तो कुछ देना सीखे सप्तक संस्था के सहयोग से प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम का संचालन नारायण लाल गुप्ता ने किया।अन्त में वन्देमातरम गीत ममता तुलस्यानी द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसे सभी उपस्थित विद्यार्थियों व अन्य ने दोहराया।
झलकियाँ:- 
1. आयोजको द्वारा अध्यापकों/अध्यापिकाओं के बैठने की पृथक से व्यवस्था की गई थी।  किन्तु वह अपने विद्यालय के विद्यार्थियों के साथ ही रहे, व अध्यापकों ने स्वयं भी सूर्यनमस्कार में भाग लिया।
2. विभिन्न व्यवस्थाओं में लगे हुए कार्यकर्ताओं ने भी सूर्यनमस्कार के समय सभी कार्य कुछ देर के लिए छोड़कर सूर्यनमस्कार महायज्ञ में अपनी आहुति दी।
3. कई लोग पुरे परिवार सहित कार्यक्रम में आए और सभी ने सूर्यनमस्कार किया।
4. सभी विद्यालय से साढे 8 बजे पंहुचने का आग्रह किया था। विद्यार्थियों में इतना अधिक उत्साह था कि प्रातः साढे 7 बजे से पहले ही पटेल मैदान पहंुचा आरम्भ हो गये।
5.  कार्यक्रम में छात्राओं ने अपेक्षा से अधिक संख्या में उपस्थित होकर सूर्यनमस्कार के प्रति अपने उत्साह को प्रदर्शित किया।
6. खचाखच भरे पटेल मैदान से विद्यार्थियों ने लौटने में अनुशासन का परिचय दिया। बिना धक्का मुक्की के मात्र 13 मीनट में पटेल मैदान खाली हो गया। विद्यार्थि कुछ ही मिनटो में बसों द्वारा अपने विद्यालय पंहुच गये।
  -उमरदान
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