ब्यावर. कहते हैं जीवन में सुख-दु:ख का क्षण विधाता का लेख है। जीवन में कई बार ऐसा क्षण आता है जब इंसान पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ता है।
रविवार को ब्यावर में भी ऐसा ही हुआ। उपकारागृह में धोखाधड़ी मामले में सजा काट रहे विचाराधीन कैदी अजय फुलवारी के पिता बाबूलाल फुलवारी का रविवार को निधन हो गया। लेकिन कानूनी नियमों के कारण वह अपने पिता का अंतिम संस्कार नहीं कर सका। अवकाश के कारण न्यायालय बंद होने से अजय को पैरोल नहीं मिल सकी। इससे वह अपने पिता को मुखाग्नि देने के अधिकार से वंचित रह गया। हालांकि एसडीएम इंद्रजीत सिंह की अनुमति पर जेलर पारस जांगिड़ ने परिजन को जेल में अंतिम दर्शन कराने की अनुमति दी। इसके बाद एम्बुलेंस की मदद से शव को सब जेल लाया गया। यहां पुत्र ने पिता के अंतिम दर्शन कर पुष्प अर्पित किए। इस भावुक क्षण में जेलर व मीडियाकर्मियों सहित सभी की आंखें नम हो गई। :अमित सारस्वत
