
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार रविवार को केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री के.रहमान खान के निर्देश पर विभाग के प्रमुख सचिव ने राजस्थान सहकारिता सेवा से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी शकील अहमद के नाम को दरगाह कमेटी अजमेर के नाजिम के लिए अंतिम रूप दे दिया है। दरगाह ख्वाजा साहब एक्ट के मुताबिक दरगाह नाजिम के लिये मंत्रालय द्वारा तैयार पैनल पर अंतिम मोहर लगाने का जिम्मा दरगाह कमेटी का है लेकिन पिछले वर्ष 24 जुलाई से ही कमेटी का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और मंत्रालय ने अभी तक कमेटी गठन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की है इसलिऐ अल्पसंख्यक कार्य मंत्री रहमान खान ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुऐ नाजिम की नियिुक्त कर दी है। वेसे तो नाजिम के लिये दो पूर्व नाजिमो राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अशफाक हुसैन एवं जौधपूर जैल के अधीक्षक ने भी आवेदन किया था परन्तु शकील अहमद का नाम तय होना किसी बड़े राजनीतिक दखल का संकेत दे रहा है। अप्रेल फूल के सूत्रों के अनुसार मंत्रालय ने साक्षात्कार के लिये सिर्फ शकील अहमद और अशफाक हुसैन को हीे बुलाया था लेकिन राज्य सरकार द्वारा अशफाक हुसैन को कार्यमुक्त करने इन्कार कर देने के बाद मंत्रालय ने यह निर्णय किया है। हांलांकि शकील अहमद का पूर्व में नाजिम का सफल कार्यकाल रहा था जिसकी बुनियाद पर उनकी दोबारा इस पद पर नियुक्ति मानी जा रही है। उल्लेखनीय है कि अपने विवादास्पद ब्यानो की वजह से सुर्खियों मे रहने वाले निर्वमान नाजिम अहमद रजा का कार्यकाल नहीं बड़पाने के कारण उन्हें जाना पड़ था तब से दरगाह नाजिम के पद पर मंत्रालय के उप सचिव मोहम्मद अफजल कार्यवाहक नाजिम के रूप में अतिरिक्त प्रभार सम्भाले हुऐ है। बीच में कुछ दिनों के लिये सहकार सेवा के अब्दुल मजीद की नियुक्ति जरूर हुई किन्तु दिल्ली के एक पत्रकार अरशद फरीदी द्वारा उनकी नियुक्ति के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय मे जनहित याचिका दायर कर देने के कारण सरकार को उन्हे हटाना पड़ा। (अप्रेल फूल)