शिक्षण संस्थाओं के पास तंबाकू व गुटखा बेचने वालों पर होगी कार्यवाही

पुलिस व शिक्षा विभाग नही कर रहे कोटपा का पालन
पुलिस विभाग कोटपा में शून्य पर
अजमेर के होटल एंबेसी में राजस्थान वोलंटरी हैल्थ एशेासियेशन की और से आयोजित संभाग स्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रोजेक्ट डायरेक्टर विक्रम राघव
अजमेर के होटल एंबेसी में राजस्थान वोलंटरी हैल्थ एशेासियेशन की और से आयोजित संभाग स्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित करते हुए प्रोजेक्ट डायरेक्टर विक्रम राघव

 

कार्यशाला में मीडिया को अपनी दास्तां सुनाते हुए पूर्व बैंक अधिकारी एस.कुमार वर्मा
कार्यशाला में मीडिया को अपनी दास्तां सुनाते हुए पूर्व बैंक अधिकारी एस.कुमार वर्मा

अजमेर। देशभर में तंबाकू व धूम्रपान की प्रभावी रोकथाम के लिए मीडिया ही नही हर व्यक्ति को व्यक्तिगत व सार्वजनिक स्थल पर आकर पहल करने  महती आवश्यकता है।यह निष्कर्ष रविवार को अजमेर के होटल एंबेसी में तंबाकू नियंत्रण एवं मीडिया की भूमिका पर राजस्थान वोलंटरी हैल्थ एशेासियेशन की और से आयेाजित संभाग स्तरीय कार्यशाला निकलकर आया।

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए सूचना एंव जनसम्पर्क विभाग के उननिदेशक प्यारेमोहन त्रिपाठी ने कहा कि तंबाकू व धूम्रपान की प्रभावी रोकथाम के लिए मीडिया के साथ साथ आमजन को भी इस प्रकार के गंभीर मुददों पर काम करने की आवश्यकता है,ताकि सभी के सकारात्मक प्रयास से इन पर रोक संभव है।खासतौर पर युवावर्ग को इससे बचाने की जरुरत है।घरों में बढती उम्र के युवाओं पर नजर रखी जाये ताकि वे इस प्रकार के नशों से दूर रहे।
त्रिपाठी ने कहा कि तंबाकू से मरने वालों की संख्या में निरंतर इजाफा हो रहा है,जो कि चिंता का विषय है।इन मौतों को रोका जा सकता है।इसमें मीडिया की अहम् भूमिका है,परंतु आमजन को भी जागरुक होकर इस प्रकार की मुहिम में साथ देना होगा तभी समाज से इस प्रकार की बुराई को दूर किया जा सकता है।
राजस्थान वोलंटरी हैल्थ एशेासियेशन के प्रोजेक्ट डायरेक्टर विक्रम राघव ने कोटपा कानून 2003 बनाया गया था,लेकिन इसके बावजूद भी राज्य के पुलिस व जिला प्रशासन की शिथिलता के कारण इस कानून के तहत पिछले एक साल में अभी तक स्थिति शून्य के आसपास ही घूम रही है। पुलिस कोटपा कानून को लागू कराने में पूरी तरह से विफल रही है।
इन दोनों विभागों की नाकामी का परिणाम यह है कि सार्वजनिक स्थलों पर रोक के बावजूद भी गुटखा व धूम्रपान आसानी से मिल रहा है।जिसका सीधा असर युवा वर्ग पर पड़ रहा है। राजस्थान में तंबाकू उत्पादों की खपत में वृद्वि बहुत ही चिंताजनक है।वर्ष 2010 में वैश्विक व्यस्क तंबाकू सर्वेक्षण (गेट्स) के अनुसार राजस्थान में लगभग 1.5 करोड़ लोग किसी ना किसी रुप में तंबाकू का सेवन करतें है और इनमें से लाखों तंबाकू से संबधित रोगों के कारण प्रतिवर्ष मृत्यु को प्राप्त होते है।
खतरों व बीमारियेां को ग्लोबल इमरजेंसी के रुप में माना,इसके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फ्रेमवर्क कन्वेंशन फारॅ टोबेकेा कंट्रोल की स्थापना की। यह एक अंर्तराष्ट्रीय संधि थी जिस पर दुनियंाभर के 178 देशों ने हस्ताक्षर किये,जिसमें भारत भी शामिल था। इसी संधि की अनुपालना में वर्ष 2003 में भारत सरकार द्वारा कोटपा 2003 कानून (सिगरेट एंव अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003) लागू हुआ।
20 अप्रेल 2012 को राज्य के गृह विभाग ने सभी जिला पुलिस अधीक्षकेां को निर्देश दिए थे कि वे कोटपा 2003 के तहत चालान काटकर इसकी सूचना प्रतिमाह की 5 तारीख तक पुलिस मुख्यालय को भेजे। लेकिन अभी तक बीकानेर संभाग में हनुमानगढ,चुरु,कोटा,बांरा,राजसमंद,जैसलमेर,बाड़मेर सहित अनेक जिलों में कोटपा के तहत चालान की संख्या शून्य है। जबकि पुलिस के सकारात्मक सहयेाग के कारण एक दर्जन जिलों में चालान कटने लग गये है। राज्यभर में तो आसानी से शिक्षण संस्थाअेां व सार्वजनिक स्थानों के आसपास ये जहर मिल रहा है। इस पर न तो शिक्षा विभाग की नजर है न जिला व पुलिस विभाग की। जबकि यंहा तो शहर के मुख्य मार्गों पर गुटखों के प्रचार के लिए बड़े बड़े होर्डिंग्स लगाए गए है। इस पर जिला प्रशासन व पुलिस विभाग दोनों ही मौन है। राज्य के अधिकतर जिलों में पुलिस विभाग ने सिंतबर 2012 से लेकर जून 2013 तक कोटपा में किसी प्रकार की कार्यवाही नही की है।
उन्होने बताया कि राज्य में विभिन्न सहयेागी संस्थाओं व सरकार के अधिकारियों के साथ मिलकर धूम्रपान को रेाकने के लिए रणनीति तैयार कर काम किया जा रहा है। जिसके परिणामस्वरुप राज्य के शिक्षा निदेशालय,स्वास्थ्य व पुलिस विभाग ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए अपनी कार्यप्रणाली में धूम्रपान को रोकने की नीति को शामिल किया है। जिसमें चिकित्सा विभाग ने धूम्रपान रोकने के लिए अलग से चालान बुक भी पुलिस विभाग के लिए प्रंटिंग करवाई है। जो विभिन्न जिला मुख्यालयेंा पर भिजवाई गई है। माध्यमिक एंव प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय ने मासिक रिपोर्ट के माध्यम से स्कूलों के बाहर धुम्रपान बेचने वालेां को भी निर्देशित किया है। जिसके विवरण की एक प्रति पुलिस विभाग के पास शिक्षा विभाग को भेजना अनिवार्य कर दिया गया है। वर्तमान में प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय के अनुसार अब धूम्रपान से संबधित मासिक रिर्पोट संबधित जिला शिक्षा अधिकारियेां के द्वारा प्रतिमाह 5 तारीख तक उनके द्वारा मासिक प्रगति रिपोर्ट के साथ भेजनी अनिवार्य होगी व इसकी कठोरता से पालना की जाएगी। इस निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने फरवरी 2013 से रिपोर्टिंग करनी शुरु कर दी।
कार्यशाला में तंबाकू व धूम्रपान से पीड़ित बैंक अधिकारी सुर्दशन कुमार वर्मा,जयपुर ने अपने जीवन  की  पूरी कहानी को बताया कि किस प्रकार से सामान्य जीवन से आज इस प्रकार की कठिनाईयों का सामना करते हुए भी जीवन व्यतीत करना पड़ रहा है।
अजमेर के कन्हैया लाल ने बताया कि तंबाकू सेवन के बाद सामान्य जिंदगी में किस प्रकार से बदलाव आया और समाज में अब किस प्रकार से देखा जा रहा है।इसके साथ ही तंबाकू से युवावर्ग को दूर रहने की सलाह दी।अपने जीवन की पूरी दास्ता को भी  बयान किया।
राजस्थान एक नजर में 
वे बतातें है कि राजस्थान में प्राइमरी स्तर के 109115 स्कूल है,जिसमें से 34414 स्कूल ही नियमित रुप से रिपेार्टिंग कर रहे है,इसमें से 33374 स्कूलों के बाहर कोटपा की धारा 6 बी के तहत निर्धारित सूचना पटट लगाया गया है,धारा 4 में 29452 स्कूल,शिक्षण संस्थानों से एक सौ गज की दूरी में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादांे का बिक्री स्थल पर 2920 स्कूल,धारा 4 में ही धूम्रपान पर 1008 स्कूल व तंबाकू रोकने की गतिविधियां 819 स्कूलों में संचालित हो रही है।
इसी तरह से माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के कुल 24126 स्कूल है,जिसमें से 13121 स्कूल ही नियमित रुप से रिपेार्टिंग कर रहे है,इसमें से 9185 स्कूलों के बाहर कोटपा की धारा 6 बी के तहत निर्धारित सूचना पटट लगाया गया है,धारा 4 में 9929 स्कूल,शिक्षण संस्थानों से एक सौ गज की दूरी में तंबाकू व अन्य धूम्रपान उत्पादांे का बिक्री स्थल पर 1261 स्कूल,धारा 4 में ही धूम्रपान पर 32 स्कूल व तंबाकू रोकने की गतिविधियां 5243 स्कूलों में संचालित हो रही है।
अजमेर संभाग के आंकड़ों पर नजर 
अजमेर संभाग में भी राज्य के अन्य जिलों की तरह स्थिति चिंताजनक है,जिस पर सभी को तबाकू नियंत्रण पर रोक लगाने में सकारात्मक भूमिका निभानी होगी।
प्राईमरी/ माध्यमिक जिला  कुल स्कूल रिपोर्टिंग करने वाले स्कूलों की संख्या कोटपा की धारा 6 के तहत स्कूलों के बाहर बोर्ड  धारा 4 के तहत स्कूलों के अंदर बोर्ड  शिक्षण संस्थाओं के पास एक सौ गज की दूरी में तंबाकू विक्रय स्थल स्कूलों में तंबाकू नियंत्रण पर गतिविधि
प्राईमरी  अजमेर 3454 2485 2485 2485 00 00
प्राईमरी भीलवाड़ा 4180 948 948 948 00 00
प्राईमरी नागौर  5410 158 158 158 00 00
प्राईमरी टोंक 2488 1606 1606 1606 00 00
माध्यमिक अजमेर 742 433 433 433 40 433
माध्यमिक भीलवाड़ा 588 436 436 436 100 436
माध्यमिक नागौर 664 496 496 496 00 436
माध्यमिक टोंक 561 350 350 350 00 554
पुलिस आंकड़ों पर नजर
राज्यभर में जनवरी 2013 से लेकर 30 अगस्त  तक 2655 चालान कोटपा के तहत काटे है। जिसमें से अजमेर रेलवे पुलिस ने 305,भीलवाड़ा 122,नागौर व टोंक में शून्य चालान काटे गये है।
आंकड़ों के अनुसार भी भारत में 3000 लोग रोज तम्बाकू सेवन से बेमौत मर जाते है। और करीब 10,00,000 लोग साल भर में मृत्यु को प्राप्त करते है। राज्य में करीब 50 हजार मौतें तंबाकू से हो रही है। इसमें भी 14 प्रतिशत महिलाएं तंबाकू का प्रयेाग यहां पर वर्तमान में कर रही है। तंबाकू वर्तमान में व्याप्त अन्य बीमारियों का भी प्रमुख कारण है। राज्य में 350 नये तंबाकू उपभोक्ता प्रतिदिन तैयार हो रहे है। जबकि राज्य सरकार को तंबाकू कर से 1000 करोड़ रुपये की आय हुई लेकिन राज्य में तंबाकू के उपयोग को कम करने हेतु इस राशि का एक प्रतिशत हिस्सा भी जन जागरुकता पर या आमजन की समझाइश पर खर्च नही किया गया।
उन्होने बताया कि राज्य सरकार ने कोटपा अधिनियम के तहत तंबाकू व धूम्रपान नियंत्रण पर सकारात्मक पहल करते हुए, पुलिस विभाग की मासिक अपराध समीक्षा रिपोर्ट में इसे शामिल करवाया है।र ाज्य में तंबाकू की वर्तमान बिक्री व आय,शैक्षणिक संस्थाओं के 100 गज की दूरी में तंबाकू उत्पाद बेचना,सार्वजनिक स्थानों पर रोक,विज्ञापन पर भी रोक है। श्रीराघव ने बताया कि जिलेभर के सभी पुलिसथानों में चालान बुक भी पहुंच गई है। जिलेभर के पुलिस अधिकारियों ने  कोटपा पर सवाल जवाब भी किए। तकरीबन 36 प्रतिशत बच्चे 10 साल की उम्र से पहले स्मोकिंग करना सीखते हैं ।
कैंसर व अन्य बीमारियेां को बढ़ावा
इस अवसर पर चिकित्सकों ने बताया कि गुटखा व अन्य तंबाकू उत्पादों के सेवन से राज्यभर में लगं कैंसर तथा 80 प्रतिशत मुंह के कैंसर का मुख्य कारण तंबाकू को ही माना गया है। शुगर,हार्ट अटेक,रक्तचाप,मुंह,गला एंव फेफड़े का कैंसर,आंखों की रोशनी चले जाना,हाथ पैरों में विकृति,नपुसंकता सहित अनेक प्रकार की बीमारियेां का जन्मदाता है।
मीडिया कार्यशाला में वोईस आफ टोबाको विक्टिम्स अभियान की और से चिकित्सकेां के नेतृत्व में तंबाकू पीडितों की और से तंबाकू नियन्त्रण पर मार्मिक अपील की गई।
कार्यशाला में अजमेर के मीडिया प्रतिनिधियेां ने भाग लिया और तंबाकू व धूम्रपान उत्पादों पर किस प्रकार रोका  जाये व इसमें मीडिया की क्या भूमिका हो सकती  है। इस पर विस्तार से चर्चा भी की।
विशेषज्ञों की राय में
सवाई मानसिंह अस्पताल के अधीक्षक एंव सीओपीडी विशेषज्ञ डा.वीरेन्द्र सिंह बतातें है कि तंबाकू का सेवन किसी भी रुप में लोगों के लिये हानिकारक है, सरकारी विभागों एवं आमजन को इस पर रोकथाम के लिये आगे आना चाहिये। इसके लिये कोटपा कानून की कडाई से पालना होनी चाहिए।
कार्यशाला में 35 मीडियाकर्मियों ने भाग लिया। कार्यशाला में अंत में सभी का आभार राजेंद्र ने व्यक्त किया।
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