पहली जनवरी से टैक्स में स्वत: बढ़ोतरी और खर्च में भारी कटौती को रोकने संबंधी विधेयक को अमेरिकी सीनेट ने मंगलवार आधी रात को भारी बहुमत से पारित कर दिया। नए साल का आगाज होने के कुछ ही घंटों बाद [रात दो बजे] हुई वोटिंग में इसके पक्ष में 89 और विरोध में आठ वोट पड़े। हालांकि, प्रतिनिधि सभा से इसे अभी मंजूरी मिलनी बाकी है। यहां से इसके पास होते ही अमेरिका पर मंडरा रहा राजकोषीय फांस [फिस्कल क्लिफ] का खतरा टल जाएगा।
इस विधेयक में राजकोषीय संतुलन बनाने के लिए अमीरों पर ज्यादा टैक्स लगाने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत सालाना 4.5 लाख डॉलर या इससे ज्यादा आय वाले परिवारों को 10 साल तक पांच फीसद ज्यादा टैक्स देना होगा। साथ ही अगले दो महीने तक सरकारी खर्च में कानूनन स्वत: कमी नहीं करनी होगी। इस विधेयक के कानून बन जाने से 98 फीसद जनता और 97 फीसद छोटे कारोबारी टैक्स में बढ़ोतरी से बच जाएंगे। यानी हमेशा के लिए 11.4 करोड़ परिवारों को मध्य वर्ग टैक्स कटौती का लाभ मिलता रहेगा। हालांकि, इससे अमेरिका के राजकोष पर 600 अरब डॉलर का बोझ पड़ेगा और वर्ष 2013 में विकास दर में 0.4 फीसद की कमी आएगी। अमेरिका के भारी भरकम कर्ज 16.4 खरब डॉलर पर लगाम लगाने के लिए अमीरों पर बढ़ाया गया टैक्स नाकाफी होगा।
राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस प्रस्ताव पर वोटिंग के तत्काल बाद कहा कि इसमें न तो डेमोक्रेट और न ही रिपब्लिकन सांसदों को वह सब मिला जो वे चाहते थे। उनकी सभी मांगें पूरी नहीं हुई मगर यह समझौता देश के लिए सही है। प्रतिनिधि सभा को भी इसे बिना देरी के पारित कर देना चाहिए। इससे समझौते से साफ है हम आगे भी खर्च में कटौती और अमीरों से ज्यादा टैक्स वसूल कर राजकोषीय घाटा कम करने की नीति अपनाएंगे। अमेरिकी उप राष्ट्रपति जो बिडेन की मध्यस्थता में रिपब्लिकन व डेमोक्रेटिक नेतृत्व के बीच देर रात हुई वार्ता के बाद इस विधेयक पर सहमति बनी और इसे सीनेट से पारित कराना संभव हुआ। प्रतिनिधि सभा से विधेयक पास होने के बाद यह राष्ट्रपति के पास हस्ताक्षर के लिए जाएगा। तब यह कानून का रूप ले लेगा। प्रतिनिध सभा में इसके प्रावधानों में संशोधन हो सकता है या इसे खारिज किया जा सकता है।