मकर संक्रांति के दिन जयपुर का आसमां जहां दिन में पतंगों से ढका रहा वहीं शाम को आतिशबाजी की रोशनी से नहा गया। पिछले कई दिनों से गूंज रहा वो काटा का शोर सोमवार को परवान चढ़ा। पूरा शहर छतों पर और आसमां लाल,नीले,हरे,पीले और गुलाबी पतंगों से अट गया। बच्चे-बड़े सभी पतंगबाजी में मशगूल रहे। इनमें विदेशी पर्यटक भी शामिल थे। दिन में कमजोर हवा ने भले ही पतंगबाजों को थोड़ा निराश किया लेकिन शाम को हुई आतिशबाजी ने अनूठी छटा बिखेर दी और जयपुर रोशनी से सराबोर हो गया।
पयर्टकों ने जलमहल पर उड़ाई पतंग
राजस्थान पर्यटन विभाग की ओर से आमेर रोड पर जलमहल की पाल पर पतंग उत्सव का आयोजन किया गया। यहां पतंग-चरखी प्रदर्शनी के साथ पर्यटकों के बीच नि:शुल्क पतंगे बांटी गई। यहां जयपुर के नामचीन पतंगसाज बाबूखान भी मौजूद रहे। हालांकि हवा कमजोर रहने की वजह से पर्यटक बाबूखान की पतंगबाजी का लुत्फ नहीं उठा पाए।
पतंगबाजी ने 25 को पहुंचाया अस्पताल
सवाई मानसिंह अस्पताल के एमर्जेसी में पतंगबाजी के चक्कर में घायल लोगों की भीड़ लगी रही। एक के बाद एक करीब दो दर्जन से अघिक घायल अस्पताल पहुंचे। कोई पंतग उड़ाते हुए छत से गिर पड़ा तो कोई राह चलते मांझे से नाक या गला कटा बैठा। जख्मी लोगों में सबसे अघिक संख्या बच्चों की रही। हालांकि कई मामलों में इलाज के बाद घायलों को तुरंत छुट्टी दे दी गई।