अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले को ही बेच डाला प्रशासन ने

IMG-20151106-WA0049IMG-20151106-WA0050अंतराष्ट्रीय पुष्कर मेले को ही बेच डाला प्रशासन ने और अपना छुड़ाया पिंड —जी हा आखिरकार वही हुआ जिसका हमने आपको पहले ही बताया की प्रशासन पुष्कर मेले से अपना पिंड छुड़ाना चाहता हे इसका परिणाम सामने आ गए इस बार प्रशासन ने मेले की क। कमान दो निजी कम्पनियों के हाथो में सोपकर खुद मुक्त हो गई तो वही आज आर टी डी सी में आयोजित की गई बैठक भी मात्र आधे घंटे में पूरी कर ओपचारिकता पूरी कर ली ।इस बार प्रशासन मेले को लेकर बड़े बड़े दावे कर रहा हे लेकिन हो कुछ और रहा हे आज बैठक में ही मेले की तेयारियो को लेकर प्रशासन का असली चेहरा सामने आ गया ऐसा लग रहा था की कब बैठक को पूरी करे और कब यंहा से जाये जबकि मेले के मात्र कुछ दिन शेष रह जाने के बाद भी तेयारियो में लिपपोती की जा रही हे निजी कम्पनियों के हाथ में डेढ़ करोड़ में भक्ति उत्सव् तो 70 लाख में मेले में होने वाले विभिन्न प्रतियोगिता का कार्य ठेके पर देकर अपना पिंड छुड़ाया एक तरफ राज्य सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कर रही हे तो वही दूसरी तरफ पुष्कर में पर्यटन को खत्म करने में आमदा हो रखी हे ।सबसे आचर्य की बात तो यह हे की बैठक के बाद किसी भी अधिकारी ने मेला क्षेत्र का निरिक्षण करना भी मुनासिब नही समझा बैठक खत्म होते ही सभी अधिकारी ऐसे दोडे जेसे किसी जेल से बाहर निकल कर आये हो। बस बैठक की एक ओपचारिकता पूरी करनी थी जो कर दी। आपको मेने पहले ही कहा था की हमारा मेला वैसा ही भरेगा जेसा भरता आया हे और हमेशा पुष्कर मेला ब्रह्मा जी के भरोसे ही भरता आया हे प्रशासन ने मेले को निजी कम्पनियों के हाथो में देकर अपनी योग्यता का जो परिचय दिया उससे साफ जाहिर होता हे की प्रशासन किस तरह हमारे मेले को खत्म करने में आमदा हो रखा हे।
अनिल पाराशर संपादक बदलता पुष्कर।

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