अरुणिमा सिन्हा। यह वह नाम है जिसका सारी दुनिया में डंका है। विश्व की पहली निशक्त महिला जिसने एवरेस्ट को फतह किया। भारत सरकार ने अरुणिमा को पद्मश्री सम्मान नवाजने का निर्णय किया है। अरुणिमा को इसके लिए ढेरों बधाई.,… वाकई अरुणिमा महिला है। अरुणिमा ने निःशक्तजनो को नई राह दिखाई है। निःशक्तजनो के समाज के नजरिये में बदलाव किया है। अपने हौसले से वह आज सेलिब्रेटी है। उनकी हर जगह डिमांड है। नाम की घोषणा के बाद हमने जब संपर्क किया तब अरुणिमा इंदौर में देश बड़ा तिरंगा झंडा फहरा रही थी। करीब 300 वर्गफुट का यह तिरंगा सबसे बड़ा है। अभी दिल्ली के कनाटप्लेस में सबसे बड़ा तिरंगा झंडा।

अरुणिमा का नाम हमने भी काफी सुना था। हर साल आचार्य जी के नाम का सम्मान साहित्य, समाज के विशिष्टजनों को समर्पित करने की परम्परा है। महिलाओ के सम्मान के हितरक्षक आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी युग प्रेरक सम्मान रायबरेली में पिछले साल(2014) ही अरुणिमा को समर्पित किया गया था। वह वर्ष आचार्य जी की 150 वीं जयंती का था। हमे याद है, अरुणिमा एक दिन पहले बिहार के बैजनाथ धाम में थीं। उनके जीजा ओम प्रकाश जी से लगातार संपर्क में थे हम सब। रात 9 बजे ओमप्रकाश जी मोबाइल पर बात हुई। उन्होंने बताया कि रिजर्वेशन कन्फर्म नही हुआ ।हम डरे की कहीं आना कैंसिल ना हो जाये लेकिन अरुिणमा ट्रैन से बनारस आईं और बनारस से रायबरेली।