राजनीति में हमेशा बड़े नेता अपने लिये safe प्रत्याशी का चयन करते है है !
यह भूल कर की उसका ground कैसा है !
क्या वह अपना कार्यकाल सही तरीके से निभा सकेगा ?
शायद नहीं…..?
उन्हें तो ये देखना है कि मेरा सगा कितना है और मेरे तय किये मेयर को अपनी आँख कान मुह बंद करके चयन करेगा की नहीं ?
मेरे चुनाव समय में मेरे लिये खर्च कितना कर सकेगा ?
और दूसरों से कितना चंदा करा सकेगा ?
बिना ये जाने कि जनता जनार्दन जो उस कार्य काल का मुख्य हिस्सा है उसके साथ (क्षेत्र)उनके चयन (थोपे) किये प्रत्याशी कितना न्याय उस क्षेत्र से कर सकते है ?
कभी कभी तो अपने प्रिय को दूसरे क्षेत्र से लाकर भी अपना समीकरण बनाते है ! बिना ये जाने कि उसका जनता को उसका कितना फायदा मिल सकता है ?
और कही जगह तो सरकारी व्यवस्था को दर किनार करके जनरल में अपनी पसंद भी प्रत्याशी रूप में दे देते है !
क्या उनमे उनका निजी स्वार्थ भी होता है ? याँ पार्टी के नाम पर प्रतिस्प्रधा ?
जनता के साथ अब खिलवाड़ अब ना करके उनका हित चाहने वाला जो की जनता का अपना हो जो सुलभ ही जनता के बीच उनकी परेशानी समझ सके ऐसा प्रत्याशी मिले जो संगठन के साथ क्षेत्र का विस्तार भी कर सके !
इस बार नगर निगम अजमेर निकाय चुनाव 2015 में चाहे वो क्षेत्र का अपना हो न हो अपने आका नेताओं का अपना जरूर हो !
जनता से आग्रह:-सोच समझ कर मतदान करे व्यक्ति विशेष देखें ,पार्टी विशेष नहीं
जो नेता समझते है कि ये हमारी पार्टी का गढ़ है उन्हें ये भुला दो की गढ़ क्या होता है हमें तो हमारा क्षेत्र हितेषी चाहिये पार्टी याँ आपका हितेषी नहीं
