राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होने से पहले राज्य मंत्रीमंडल में फेरबदल की चर्चा अचानक गर्म हो गई है। इस चर्चा का सिरा कहां है, पता नहीं, मगर जैसे ही आरंभ हुई तो उस पर कयासों की कडियां जुडने लगी हैं। स्वाभाविक रूप से उनमें पुख्ता कुछ नहीं, मगर जिसको जैसा जंच रहा है, अपनी अभिव्यक्ति को आगे बढा रहा है। जाहिराना तौर पर इसके लिए सोषल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है।
फेसबुक पर एक सज्जन ने लिखा है कि केकड़ी शहर पिछले कई सालों से चर्चा में रहा है। ताजा बात है कि राजस्थान की वसुंधरा जी के मंत्रीमंडल में स्थान पाने का, तो ये हक केकड़ी का बनता भी है।
1 वसुंधरा जी के नेतृत्व में कुशल कार्य निष्पादन
2 क्योंकि प्रथम बार में ही श्री शत्रुघ्न गौतम ने कांग्रेस के दिग्गज ……लालबत्ती वाले नेताजी को परास्त कर जीत हासिल की।
3 लोकसभा चुनाव में केकड़ी क्षेत्र की कमान संभाल विधानसभा ….चुनाव से भी ज्यादा वोट पार्टी को दिलाये।
4 पंचायत राज चुनावों में 2 पंचायत समितियों में प्रधान व सारे डी आर जिताये
5 नगरपालिका चुनावों में जिले में श्रेष्ठ प्रदर्शन करके 2 नगरपालिकाओं में रिकार्ड बहुमत हासिल किया।
6 युवा ऊर्जावान उच्च नेतृत्व क्षमता
तो फिर मंत्री क्यों न हो विधायक अपना
जय जय राजस्थान, सबका साथ सबका विकास।
केकड़ी की यही पुकार, केकड़ी हो मंत्रिमंडल में इस बार।
समझा जा सकता है कि यह टिप्पणी केकडी विधायक षत्रुघ्न गौतम के किसी समर्थक की है।
इसी प्रकार अजमेर नगर निगम में मेयर पद के चुनाव के दौरान हुए विवाद से अनुप्रेरित होते हुए एक सज्जन ने वाट्स ऐप पर लिखा है कि छीन सकता है देवनानी से शिक्षा मंत्रालय। सभी वर्ग नाराज। अजमेर में कराई सरकार की किरकिरी। सबसे हठधर्मी मंत्री बने। लोगो में भी जमकर आक्रोश। सूत्र की मानें तो सभी प्रमुख शिक्षक संगठनों द्वारा मुख्यमंत्री से की गयी शिकायतों और विधायकों की नाराजगी का असर इस बार विधानसभा सत्र से पहले होने वाले मंत्रिमंडल फेरबदल में राज्य मंत्री देवनानी पर पड़ सकता है। खबरों के अनुसार अजमेर में मेयर पद को लेकर सरकार की किरकरी कराने सभी वर्गों और शिक्षकों की नाराजगी और स्कूलों में स्टाफिंग पैटर्न को सही तरीके से लागू नहीं करने के कारण हुई बड़ी मात्रा में तालाबंदी से सरकार की छवि पर पड़ रहे बुरे असर से मुख्यमंत्री भी नाराज हैं। अपने अड़ियल रवैये के कारण पार्टी के अपने ही विधायक की नाराजगी भी झेल रहे हैं राज्य शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी। सूत्रांे की माने तो सहकारिता मंत्रालय मिल सकता है वासुदेव देवनानी को और वर्तमान सहकारिता मंत्री अजय किलक को मिल सकता है राज्य शिक्षा मंत्री का पद। विधानसभा सत्र से पहले ही होगा परिवर्तन। 8 संसदीय सचिव भी बनाये जायेंगे। चार नए मंत्री भी बनाये जायेंगे। गौरतलब है की 200 सदस्य की विधानसभा में तीस मंत्री बनाये जा सकते हैं। वर्तमान में 26 है मंत्रियों की संख्या। वसुंधरा सरकार अपने शेष बचे 40 महीनों में छवि भी सुधारेगी।
इसी प्रकार महिला व बाल अधिकार राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल विरोधी इस बात को हवा देने की कोषिष कर रहे हैं कि चूंकि नगर निगम चुनाव में वे अपने इलाके में जनाधार खो चुकी हैं, इस कारण उनका मंत्री पद जा सकता है। वे अभी से ये कयास लगाए बैठे हैं कि अगली बार उन्हें पार्टी टिकट नहीं देगी। कुछ लोग मान रहे हैं कि निगम मेयर के चुनाव में सामान्य वर्ग, विषेष रूप से राजपूत समाज में फैली नाराजगी को दूर करने के लिए युवा भाजपा नेता भंवर सिंह पलाडा की धर्मपत्नी व मसूदा विधायक श्रीमती सुषील कंवर को मंत्री बनाया जा सकता है।