रामरोटी के साथ परिवार सहभोज का लिया आनंद
संघ शिक्षा वर्ग में प्रांत के 14 जिलों के प्रशिक्षणार्थी
दमोह / राष्ट्रोत्थान के संकल्प तथा व्यक्ति निर्माण के कार्य में लगे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संघ शिक्षा वर्ग में महाकौशल प्रांत के चार विभागों के अंतर्गत आने वाले 14 जिलों के प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे स्वयंसेवक आज नगर के मुख्यमार्ग पर पथसंचलन करेंगे। पूर्ण गणवेश में घोष की धुन पर कदमताल करते हुये यह लगभग चार किलोमीटर से अधिक की दूरी को एक निश्चित समय में तय करेंगे। विदित हो कि 1925 में नागपुर में डा.केशवराम बलिराम हेडगेवार द्वारा कुछ नन्हे मुन्हे बच्चों के साथ प्रारंभ किया गया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब एक विशाल बट वृक्ष बन कार्य कर रहा है। देश एवं हिन्दु समाज की दुर्दशा देखते हुये चिंतन एवं मनन किया कि सम्पूर्ण समाज की कमजोरी क्या है? जातिवाद एवं समुदायों में बटे विशाल समाज को एक नई दिशा देने एवं एकजुट कर राष्ट्रोत्थान के कार्यों में लगाने हिन्दु एक है का भाव पैदा करने का लक्ष्य लेकर संघ की स्थापना की थी। विश्व के लगभग 80 देशों में इसका कार्य चल रहा है। देश में इस समय 40 हजार से अधिक शाखायें और 20 हजार से अधिक प्रभावी संस्कार केन्द्र चल रहे है तो वहीं डेढ लाख से अधिक सेवाकार्य के प्रकल्प चल रहे हैं। हिन्दुओं को संगठित एवं संस्कारित कर अपने इस महान राष्ट्र भारतबर्ष को परम वैभव पर पहुंचाने के लक्ष्य को लेकर संघ कार्य प्रारंभ हुआ। इसी भावना से प्रेरित होकर आज लाखों स्वयंसेवक राष्ट्रहित के कार्य में निरंतर लगे हुये हैं। सामाजिक शिक्षा,सामाजिक स्वास्थ्य,सामाजिक सुरक्षा,स्वालंबन एवं समरसता जैसे बिन्दुओं को ध्यान में रख निरंतर कार्य जारी है। महाकौशल प्रांत में संघ सृष्टि के अंतर्गत सेवा भारती,वनवासी कल्याण आश्रम,भारत विकास परिषद,विश्व हिन्दु परिषद आदि संगठन 75 प्रकार के लगभग 3500 सेवा कार्य चला रहे हैं। इनमें बाल/बालिका संस्कार कोचिंग,कम्पूटर शिक्षा,सिलाई केन्द्र एवं पुस्तकालय सम्मिलित हैं। संघ अपनी शाखाओं एवं कार्यक्रमों के माध्यम से केवल समाज संगठन एवं व्यक्ति निर्माण का कार्य करता है।
संघ शिक्षा वर्ग –
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित करने तथा व्यक्ति निर्माण के लिये प्रशिक्षण आयोजित करता रहता है। जिसको संघ शिक्षा वर्ग का नाम दिया गया है। जिसको प्रथम,द्वितीय एवं तृतीय बर्ष का नाम दिया गया है वैसे तो प्राथमिक,दक्षता,नेपुण्य वर्गों का आयोजन भी होता रहता है। उक्त वर्ग में स्वयंसेवकों को मानसिक,शारीरिक दोनो प्रशिक्षणों को दिया जा रहा है। एकात्मस्त्रोत पाठ के साथ प्रात:काल सभी स्वयंसेवक अपने कार्य की शुरूआत करते हैं। संघ स्थान पर नियुद्ध,समता,दण्ड,जुडो कराते,योग के साथ ही घोष के विभिन्न वाद्य यंत्रों जैसे शंख,आनक,वंशी के वादन करने का अभ्यास कराया जाता हैै। विद्वान वक्ताओं के द्वारा बौद्धिक दिया जाता है तो वहीं चर्चा सत्र में स्वयंसेवकों एवं वक्ताओं के मध्य चर्चा भी होती है। लगातार चलने वाले उक्त कार्य में दिन भर में होने वाले कार्यक्रमों का समय निर्धारित किया गया है जिसको समय सीमा में ही पूर्ण करना होता है।
किया और कराया भोजन-
संघ शिक्षा वर्ग में गत संध्या के समय वह अवसर भी आया जब स्वयंसेवकों को अपने जीवन की एक अलग अनुभूति भी हुई। अपने परिजनों को छोड दूर आवासीय वर्ग में गत लगभग दो सप्ताह से अधिक समय व्यतीत करने वाले स्वयंसेवकों को जब बडी संख्या में नगर से परिवार अपने साथ भोजन लेकर पहुंंचे। विभिन्न प्रकार के पकवानों को अपने साथ भारतीय परिवेश में मातृशक्ति ने जब स्वयंसेवकों को भोजन परोसना प्रारंभ किया तो वह क्षण अविश्वमरणीय बन गया। सामाजिक समरसता के साथ आत्मीयता का भाव लिये सभी को अपने परिवार की अनूभूति हो रही थी। कार्यक्रम प्रारंभ होने के पूर्व न तो परिजनों को पता था और न ही किसी स्वयंसेवक को कि वह किसके साथ भोजन करने और कराने वाला है। व्यवस्थित तरीके से जब नम्बरों का आवंटन हुआ और वह वहां पहुंचे जहां उनका निर्धारित स्थान था तब पता चला कि कौन कहां है। निर्धारित समय पर भोजन मंत्र और फिर खाने और खिलाने का सिलसिला प्रारंभ हुआ। मातृशक्ति के साथ आये नन्हे बच्चों की चहल कदमी और विशाल परिसर में जहां नजर डालो अलग ही दृश्य दिखलायी दे रहा था। सब अपने हैं,वसुधैव कुटुमकम का भाव लेकर कार्य करने वाले संघ के इस आयोजन में सब भाव विभोर होते देखे गये।
पत्रकार करेंगे वर्ग दर्शन, निकलेगा आज पथ संचलन –
उक्त संघ शिक्षा वर्ग में आये हुये स्वयंसेवकों द्वारा आज नगर के विभिन्न मार्गों से होकर पथ संचलन निकाला जायेगा। प्रचार प्रमुख डा.एल.एन.वैष्णव ने बतलाया कि संध्या को 5.30 पर पूर्ण गणवेश में घोष की धून पर कदमताल करते हुये स्वयंसेवक निकलेंगे। स्थानीय केशव नगर से प्रारंभ होकर पथ संचलन स्टेट बैंक चौराहा,बस स्टेण्ड,एवरेस्ट लॉज,घंटाघर,अंबेडकर चौक,बैंक चौराहा होते हुये डीजे बंगला के सामने से होकर सरस्वती शिशु मंदिर बालिका विद्यालय पहंचेगा। जहां पथसंचलन का समापन कार्यक्रम आयोजित किया गया है। डा.वैष्णव ने बतलाया कि उक्त पथसंचलन के पूर्व ही पत्रकार बंधुओं के वर्ग दर्शन के कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है। संध्या 5 बजे वर्ग स्थल पर जिले के पत्रकार बंधुओं को पहुंचने का आग्रह किया गया है।
Dr.Laxmi Narayan Vaishnava
