मुंबई / ऊर्दू के मशहूर कवि और बॉलीवुड गीतकार निदा फाजली का सोमवार को 78 साल की उम्र में निधन हो गया। उनकी मौत मुंबई में सुबह 11.30 बजे हुई। उनकी बढ़ती उम्र के साथ उन्हें कई बीमारियों ने जकड़ लिया था। जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनकी मौत कला बिरादरी के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान है।
फाजली का जन्म दिल्ली में 12 अक्टूबर 1938 को हुआ था। फाजली के घर में उर्दू और फारसी के दीवान, संग्रह भरे पड़े थे, ऐसे में उन्हें शायरी विरासत में मिली थी। फाजली के पिता भी शेरो-शायरी में रूचि रखते थे, उनका एक काव्य संग्रह भी था। निदा के साथ फाजली नाम उन्होंने अपने पैतृक जगह जो कि कश्मीर में से रखा था।
भारत के बंटवारे के वक्त निदा फाजली ने पाकिस्तान न जाकर भारत में ही रहने का फैसला किया। हालांकि, उनका पूरा परिवार पाकिस्तान चला गया था, लेकिन सूरदास से प्रभावित फाजली ने यहीं रहकर शायर बनने का फैसला किया।
शायर मुनव्वर राणा ने उनकी मौत पर शौक प्रकट करते हुए ट्विटर पर लिखा है, ‘निदा भाई नहीं रहे, इन्नालिल्लाह। इंसान थे कभी मगर अब खाक हो गए, ले आए जमीन हम तेरी खुराक हो गए।’
