पटना के कारगिल चौक की परिकल्पना साकार करने वाले मूर्तिकार जयनारायण सिंह के निधन से राज्य के कला जगत को अपूरणीय क्षति पहुंची है। बिहार में ये पहले मूर्तिकार थे जिन्हौंने कांस्य प्रतिमा का निर्माण करना शुरू किया।
इनके द्वारा निर्मित लोक नायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पटना की एक महत्वपूर्ण पहचान है। इनके द्वारा गढ़े गए मूर्ति शिल्प में चेहरे की भाव-भंगिमा में प्रेम, आस्था,आत्मविश्वास, दार्शनिकता एवं संघर्ष शीलता प्रमुख रूप से दृष्टिगत होता है। इन्हौने पटना के साथ अन्य शहरों के लिये बड़ी बड़ी कांस्य प्रतिमा का सृजन किया।खास तौर पर पटना में स्थित महात्मा गांधी की मूर्ति, सीवान स्थित डा- राजेन्द्र प्रसाद की प्रतिमा,मुजफ्फरपुर में स्थापित श्री कृष्ण सिंह की प्रतिमा, शास्त्रीनगर स्थित लाल बहादुर शास्त्री की प्रतिमा, आर ब्लॉक स्थित वीर कुंवर सिंह की प्रतिमा, बिहार विधान सभा के प्रांगण में लगी जन नायक कर्पूरी ठाकुर की प्रतिमा, वैज्ञानिक विशेश्वरैया, जगदेव प्रसाद, दारोगा प्रसाद राय, वी- पी- मंडल,विरसा मुण्डा, बाबू जगजीवन राम, वीर भगत सिंह जैसे ऐतिहासिक पुरूष एवं राजनेताओं की प्रतिमा का निर्माण किया।बिहार में मूर्तिकला के क्षेत्र में वे एक संस्थान माने जाते थे।ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवार को यह दुख सहन करने की शक्ति दे।