साथी की मौत से सदमे में पुलिस, एक दिन का वेतन देंगे पुलिसकर्मी

गैंगरेप मामले में प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में घायल कांस्टेबल सुभाष तोमर की मौत पर दिल्ली पुलिस के सभी अधिकारियों ने शोक जताया है। वहीं सभी पुलिसकर्मियों ने अपने एक दिन का वेतन मृतक के परिवार को देने की मंशा जताई है। उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली के राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अभी तक उन्हें वेंटिलेटर पर रखा जा रहा था।

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता रंजन भगत ने पुलिसकर्मी के मारे जाने पर दुख जताया। उन्होंने कहा कि मीडिया फुटेज से इस मामले की जांच की जाएगी और इसके दोषियों को सजा दी जाएगी। इस बीच मृतक के परिवारवालों ने सुभाष की मौत के लिए प्रदर्शनकारियों को जिम्मेदार ठहराया है।

गौरतलब है कि राजपथ पर चल रहा यह आंदोलन रविवार को उस वक्त हिंसक हो उठा जब पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को चारों और से घेरकर उन पर लाठियां चलानी शुरू कर दीं। पुलिसकर्मियों ने इस कार्रवाई में महिलाओं को भी नहीं बख्शा। इस कार्रवाई में कई लोग घायल हो गए थे। इसी हिंसक झड़प में कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे, इनमें से एक की हालत बेहद नाजुक बनी हुई थी। लेकिन अब कांस्टेबल सुभाष की मौत से इस आंदोलन पर सवाल खड़े हो गए हैं।

जहां इस आंदोलन से जुड़े लोगों ने पुलिसकर्मी की मौत पर अफसोस जताया है वहीं कई लोगों का यह भी मानना है कि पुलिसकर्मी की मौत सरकार की गलती का नतीजा है। पुलिस ने जिस तरह से बर्बरता के साथ वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई की और इंसाफ मांग रहे छात्र-छात्राओं, महिलाओं पर लाठियां चलाई वह पूरी तरह से निंदनीय है। कुछ का तो यहां तक कहना है कि प्रधानमंत्री ने जो कल टीवी पर आकर कहा यदि यही काम वह पहले प्रदर्शनकारियों के सामने आकर कर लेते तो शायद यह सब नहीं होता।

कुछ प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हमारे देश के नेता जनता के सामने आने से इसलिए कतराते हैं क्योंकि उन्हें जनता की कोई परवाह नहीं है। वह अपनी जेड प्लस की सिक्योरिटी में खुद को सुरक्षित मानते हैं इसलिए दरवाजों में बंद सुरक्षाकर्मियों से घिरे हुए रहते हैं।

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