ट्विटर पर सक्रिय रहने वाले मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री शशि थरूर के ताजा ट्वीट से विवाद खड़ा होने की आशंका है। थरूर ने दिल्ली में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई 23 वर्षीय युवती की पहचान सार्वजनिक करने की पैरवी की है। उन्होंने पीड़िता का नाम गुप्त रखने पर अचरज जताते हुए इसके पीछे का कारण जानना चाहा है।
उनका कहना है कि अगर पीडि़ता के अभिभावकों को एतराज न हो तो दुष्कर्म के खिलाफ संशोधित होने कानून का नाम पीड़िता पर रखना चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्यों न उसके नाम को सार्वजनिक करते हुए उसका सम्मान उसकी अपनी पहचान पर करना चाहिए। वह सिर्फ एक प्रतीक नहीं बल्कि एक इन्सान थी। बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 228-ए के तहत पीड़िता का नाम प्रकाशित या प्रसारित करना अपराध है। थरूर का बयान ऐसे समय में आया है जब पीड़िता की पहचान प्रकाशित करने को लेकर एक अंग्रेजी अखबार के खिलाफ दिल्ली पुलिस केस दर्ज करने जा रही है।
उधर, कांग्रेस ने इस मामले पर तत्काल बयान जारी कर इससे अपना पल्ला झाड़ लिया है। कांग्रेस ने कहा है कि इससे पार्टी का कुछ भी लेना-देना नहीं है और यह थरूर के व्यक्तिगत विचार हो सकते हैं।
इससे पहले राजधानी दिल्ली की पुलिस ने दुष्कर्म मामले में महज पंद्रह दिनों में ही चार्जशीट तैयार कर ली है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक आरोपियों पर नौ धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ है।
बताया जा रहा हैं कि पुलिस ने चार्जशीट को कानूनी राय के लिए वकीलों के पास भेजा है। वकीलों से सहमति मिलने के बाद पुलिस 3 जनवरी को साकेत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करेगी। इसके साथ ही सभी आरोपियों पर रेप, मर्डर, सबूत मिटाने, अवैध रूप से गाड़ी में चलने, गुमराह कर कपल को बस में बैठाने, वारदात के बाद फरार होने जैसे कई आरोप हैं। पुलिस के टॉप अफसर चार्जशीट की तैयारी पर नजर रख रहे हैं। पुलिस की पूरी कोशिश है कि चार्जशीट तीन जनवरी को दाखिल कर दी जाए।
सूत्रों के मुताबिक चलती बस में गैंग रेप की चार्जशीट तकरीबन पचास पेज की है। साथ में नत्थी किए जाने वाले कुछ कागजात को मिला कर चार्जशीट के पेज 100 की संख्या पार कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, चार्जशीट में पीड़ित युवती के मित्र का बयान, युवती का बयान, परिवार वालों के बयान, युवक और युवती की मेडिकल रिपोर्ट, आरोपियों के बयान, इलाज करने वाले डॉक्टरों के बयान, युवती की मौत होने तक के कुछ कागजात, बस से जुड़े कुछ कागजात, एनएच-8 से की गई पीसीआर कॉल, मौके पर पहुंचे और अस्पताल पहुंचाने वाले पुलिस कर्मियों के बयान जैसी अहम चीजें हैं।
स्कूल को दिया जाएगा दुष्कर्म शिकार युवती का नाम
बलिया। दिल्ली में सामूहिक दुष्कृत्य का शिकार हुई युवती के पैतृक गांव में स्थित स्कूल को उसका नाम दिया जाएगा। यह घोषणा मंगलवार को गांव के प्रधान शिव मंदिर सिंह ने की। उन्होंने कहा कि यह फैसला गांव के लोगों की इच्छा और मृत युवती के परिजनों की सहमति से लिया गया है। इस सिलसिले में जल्द ही ग्राम पंचायत की बैठक बुलाकर आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। विदित हो कि युवती के परिजन पहले ही गांव में एक स्मारक बनाए जाने की आवश्यकता जता चुके हैं। ग्रामीणों का यह फैसला भी उसी दिशा में एक कदम है।