दिल्ली गैंगरेप के मामलों का जल्द निपटारा करने के उद्देश्य से बनाए गए छह फास्ट ट्रैक कोर्टो के लिए जजों की नियुक्ति हो गई है। दिल्ली की साकेत जिला कोर्ट में बनाई गई फास्ट ट्रैक कोर्ट जिसमें दिल्ली गैंगरेप मामले की सुनवाई होगी, इसके लिए योगेश खन्ना को नियुक्त किया गया है। योगेश खन्ना एससी एसटी के मामले सुलझाने वाले अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हैं।
इनके अलावा और पांच जजों की भी तुंरत प्रभार से नियुक्त किया गया है। इसमें चार पुरुष जज हैं और दो महिला जज हैं। हजारी जिला कोर्ट के अंतर्गत दो फास्ट ट्रैक कोर्ट हैं। कड़कड़डूमा जिला अदालत की फास्ट कोर्ट की जज टी आर नेवल होंगी। रोहिणी और द्वारका जिला के अंतर्गत आई फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज महेश चंद्र गुप्ता और विरेंद्र भंट्ट हैं। हालांकि पटियाला हाउस कोर्ट जहां सबसे ज्यादा यौन उत्पीड़न के मामले दर्ज हैं यहां कोई भी फास्ट ट्रैक कोर्ट नहीं है।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर ने साकेत कोर्ट परिसर में बनाई गई फास्ट ट्रैक कोर्ट का उदघाटन किया। उन्होंने वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म मामले का स्पीडी ट्रायल किए जाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म की इस दुखद घटना को टाला जा सकता था, अगर सुप्रीम कोर्ट द्वारा वाहनों पर से ब्लैक फिल्म व टिंटेड फिल्म हटाने के निर्देशों का सही ढंग से पालन किया जाता।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है कि सामूहिक दुष्कर्म की इस वारदात के बाद जनता ने महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठानी शुरू कर दी है। उन्हें उम्मीद है कि साकेत में बनी नई फास्ट ट्रेक कोर्ट दुष्कर्म के मामलों में तुरंत स्पीडी ट्रायल शुरू कर देगी। मुख्य न्यायधीश ने इस बात पर भी जोर दिया कि लोगों को अब एक-दूसरे पर आरोपों का मंडन करना छोड़ देना चाहिए। सामूहिक दुष्कर्म की जो वारदात जनता की नजर में है, अब इस मामले का निपटारा फास्ट ट्रेक कोर्ट जल्द करेगी।
इस अवसर पर दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी मुरूगेसन ने कहा कि न्यायिक तंत्र जल्द ही अन्य चार फास्ट ट्रैक कोर्ट भी शुरू करने जा रहा है। उनका प्रयास होगा कि इन फास्ट ट्रेक कोर्ट में दुष्कर्म के सभी मामलों की प्रतिदिन सुनवाई हो जिससे मामलों का जल्द निपटारा हो सके।