दिल्ली गैंगरेप मामले में छठे आरोपी को भले ही नाबालिग बताया जा रहा हो, लेकिन इस पूरी कहानी को रचने वाला वह इकलौता शख्स हो सकता है। इसकी कई वजह भी हैं। अपने आपको नाबालिग बताने और इसे सच साबित करने में लगा यह शख्स इसका फायदा मामले में सिर्फ तीन वर्ष की सजा पाकर उठाना चाहता है, क्योंकि कानून के मुताबिक किसी नाबालिग को इससे अधिक की सजा नहीं दी जा सकती है। लेकिन इसका अपराध इतना जघन्य है कि जिसके बाद इसको कहीं से भी नाबालिग नहीं कहा जा सकता है। इस मामले में अब पुलिस नाबालिग को भी कड़ी सजा दिलवाने और अन्य आरोपियों के साथ ही उसकी भी सुनवाई करवाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की कोशिश कर रही है।
दिल्ली गैंगरेप का सूत्रधार यह नाबालिग इंसान किस कदर हैवान हो सकता है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसने ही मेडिकल छात्रा और उसके पुरुष मित्र अपनी बस में यह कहते हुए चढ़ाया था कि बस द्वारका जा रही है और वह उसे वहां छोड़ देंगे। इसके बाद अपने को नाबालिग बताने वाले ने उसके साथ दो बार रेप किया। बाद में युवती से रेप करने और उसको मरणासन्न स्थिति में पहुंचाने के बाद उन दोनों को फेंक देने की सलाह भी इसी नाबालिग ने ही दी थी। इस बात की तसदीक खुद युवती के पुरुष मित्र ने अपने इकबालिया बयान में भी की है।
पुलिस की जांच में यह बात पहले ही सामने आ चुकी है कि इस नाबालिग ने मेडिकल की छात्रा के साथ दो बार रेप किया था। एक बार तब जब वह होश में थी और सभी आरोपियों की गिरफ्त में थी। इसके बाद एक बार तब उसने रेप किया जब युवती बुरी तरह से पिटाई के बाद बेहोश हो गई थी। यह आरोपी उस वक्त भी पीछे नहीं हटा जब युवती के शरीर को रॉड से खोखला कर दिया गया। उसकी इस दरिंदगी की जानकारी खुद युवती के पुरुष मित्र ने पुलिस को दी है।
नाबालिग कहलाने वाले इसी दरिंदे ने युवती और उसके पुरुष मित्र को चलती बस से नग्न अवस्था में बाहर फेंकने की सलाह भी दी थी। अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती युवती के पुरुष मित्र ने उसकी हैवानियत की जानकारी देते हुए कहा था कि लड़की के साथ नंगा नाच करने के बाद इस लड़के ने ही कहा था कि लड़की मर गई है बाहर फेंक दो। इस लड़के की दरिंदगी को नाबालिग कहकर कम नहीं किया जा सकता है। ऐसी ही आवाज पूरे भारत में उठ रही है। भारत में अलग अलग जगहों पर हो रहे प्रदर्शनों के जरिए सभी लोग यह मांग कर रहे हैं कि इस छठे नाबालिग आरोपी पर भी हत्या का मुकदमा चले और सभी के साथ इसको भी फांसी की सजा दी जाए। लोगों का कहना है कि जुवेनाइल कोर्ट से मिलने वाली महज तीन साल की सजा इस मामले में एक भद्दा मजाक होगा। तीन साल के बाद हमारे समाज के बीच इस घटना से जुड़ा एक दरिंदा खुली हवा में सांस लेने के लिए बाहर आ जाएगा और मुमकिन है कि दोबारा इस तरह की घटना को अंजाम देने के लिए वह खुद को तैयार कर लेगा।
गैंगरेप की भेंट चढ़ी युवती को इंसाफ दिलाने में जुटे लोगों का कहना है कि अब सरकार के पास मौका है कि वह एक नजीर पेश करे जिससे दोबारा इस तरह का वाक्या पेश ही न आ सके। गौरतलब है कि इस मामले में पुलिस ने गुरुवार को साकेत जिला कोर्ट में चार्जशीट पेश की है। लेकिन इसमें इस छठे आरोपी को नाबालिग मानते हुए शामिल नहीं किया गया है। लिहाजा इसका मामला जुवेनाइल कोर्ट में चलाया जाएगा। इस मामले में अभी पुलिस को नाबालिग के बॉन टेस्ट रिपोर्ट का भी इंतजार है।