ग्रीन ट्रिब्यूनल विशेषज्ञों की नियुक्ति के दस्तावेज सार्वजनिक करे सरकार

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने सरकार को राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के विशेषज्ञ सदस्यों की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज सार्वजनिक करने के निर्देश दिए हैं।

बेंगलूर के एक आवेदक ने सूचना के अधिकार के तहत ट्रिब्यूनल के सदस्यों को नियुक्त करने वाली मंत्रिमंडल की समिति के अनुमोदन से लेकर नियुक्ति तक दस्तावेजों के संबंध में जानकारी मांगी थी।

ट्रिब्यूनल की स्थापना वर्ष 2010 में संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत की गई थी। यह नागरिकों के स्वच्छ वातावरण के अधिकार को सुनिश्चित करता है। ट्रिब्यूनल में चार विशेषज्ञों और दो न्यायिक सदस्यों को शामिल किया गया है। पर्यावरण के मुद्दों के जल्द निपटाने के लिए बनाई गई यह वास्तव में एक फास्ट ट्रैक अदालत है।

यह मामला प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) में स्थानांतरित किए जाने के बाद सीआइसी के पास आया है। आवेदक ने कहा है कि मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति के अध्यक्ष यानी प्रधानमंत्री के पास भेजे जाने के बाद इस अर्जी को डीओपीटी को स्थानांतरित किया जाना गैर जरूरी था। प्रधानमंत्री कार्यालय के पास इस संबंध में जानकारी होनी चाहिए थी।

मुख्य सूचना आयुक्त (सीआइसी) सत्यानंद मिश्रा ने कहा, ‘कार्मिक व प्रशिक्षण विभाग में एसीसी के सचिव के पास सभी सूचनाओं का रिकॉर्ड रहता है। इसलिए पीएमओ द्वारा इसे आगे स्थानांतरित किया जाना गलत नहीं है।’ उन्होंने कहा कि अब फैसला लिया जा चुका है तो इससे संबंधित दस्तावेज जल्द से जल्द मुहैया कराए जाने चाहिए।

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