मुख्यमंत्री की नई दिल्ली में केंद्रीय मंत्रियों से भेंट

राजस्थान महिला अत्याचार निवारण विधेयक-2013 मंजूर करने के साथ ही
तेल रिफाईनरी और ऊर्जा संबंधी मामलों पर की चर्चा

श्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को नई दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री श्री सुशील कुमार शिन्दे, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री डॉ. एम.वीरप्पा मोइली, केंद्रीय विधि एवं न्याय मंत्री श्री अश्वनी कुमार एवं केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्रा प्रभार) श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया से मुलाकात कर प्रदेश में राजस्थान महिला अत्याचार निवारण विधेयक-2013 मंजूर करने के साथ ही राज्य में बहुप्रतीक्षित तेल रिफाईनरी की स्थापना और ऊर्जा सम्बंधी विषयों पर विस्तार से चर्चा की।

केंद्रीय गृह मंत्री श्री शिंदे और केंद्रीय कानून मंत्री श्री अश्वनी कुमार ने मुख्यमंत्री को राजस्थान महिला अत्याचार निवारण विधेयक का प्रारूप तैयार करने और क्षेत्रा में सर्व प्रथम पहल के लिए बधाई दी और कहा कि ऐसा कानून सारे देश में बनना चाहिए। श्री अश्वनी कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार संगीन जुल्म से सम्बद्ध लम्बित मामलों का निपटारा फास्ट टेªक के माध्यम से करवाने के लिए गंभीर है और इस सम्बंध में राज्य सरकारों को भी पत्रा भिजवायें गये हैं। उन्होने कहा कि राजस्थान में न्यायाधीशों के रिक्त स्थानों को समुचित प्रक्रिया द्वारा यथाशीघ्र भरने के प्रयास किए जायेगें।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने बताया कि राजस्थान मंत्रिमण्डल ने महिलाओं पर होने वाले अत्याचार, उनके शोषण एवं उत्पीड़न से महिलाओं को उचित संरक्षण देने और उन पर होने वाले अत्याचारों के निवारण के लिए महिला अत्याचार निवारण विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दी है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने वर्तमान परिस्थितियों में यह निर्णय लिया है कि आगामी विधानसभा सत्रा में इसे विधेयक के रूप में प्रस्तुत किए जाने की प्रतीक्षा किए बिना एक अध्यादेश के रूप में लागू किया जाए ताकि महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के संबंध में कठोर कार्यवाही की जा सके। उन्होंने केन्द्र सरकार से इसकी मंजूरी दिलवाने का अनुरोध किया। साथ ही बताया कि प्रदेश में ’फास्ट-ट्रेक’ अदालतों के संबध में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश से भी अनुरोध किया गया है।
तेल रिफाईनरी के लिए शीघ्र मंजूरी का प्रयास- श्री मोइली
केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री डॉ. एम. विरप्पा मोइली ने मुख्यमंत्री को आश्वासन दिया है कि राजस्थान के बाड़मेर क्षेत्र में तेल रिफाईनरी की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार द्वारा पूरी मदद प्रदान की जाएगी। मुलाकात के बाद श्री मोइली ने बताया कि राजस्थान में रिफाईनरी लगाया जाना पूरी तरह व्यावहारिक है और इस संदर्भ में शीघ्र ही अच्छे परिणाम मिलने की उम्मीद है।
उन्होंने बताया कि बुधवार को वे हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड (एच.पी.सी.एल), ओ.एन.जी.सी. और मंत्रालय के अधिकारियों के साथ इस संबंध में एक बैठक करने जा रहे है जिसमें राजस्थान रिफाईनरी के प्रस्ताव पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।
मुलाकात में श्री गहलोत ने बताया कि राजस्थान में रिफाईनरी की स्थापना के लिए लम्बे अर्से से अनुरोध किया जा रहा है। यह प्रदेश की उचित मांग है। उन्होंने बताया कि रिफाईनरी लगने से जहां 30-35 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा, वहीं लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि पश्चिम राजस्थान में जिस मात्रा में तेल एवं गैस के अथाह भंड़ार मिलने के बाद तेल का वाज्णियक उत्पादन शुरू हुआ है, उसके निकट भविष्य में देश के कुल तेल उत्पादन के बीस प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान देश का एक मात्र ऐसा राज्य है जहॉ ’ऑइल- फील्ड’ होने के बावजूद तेल-रिफाईनरी नहीं है। मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान सरकार ने प्रदेश में रिफाईनरी की स्थापना के लिए त्रिपाठी कमेठी की सिफारिशें मंजूर करते हुए रिफाईनरी के लिए वांछित हर प्रकार की सुविधाएं मुहैया करवाने के संबंध में अपनी रजामंदी दी है। श्री गहलोत ने पेट्रोलियम मंत्री से राज्य की धौलपुर गैस आवंटित परियोजना और 990 मेगावाट की कोटा, छबड़ा एवं धोलपुर गैस परियोजनाओं के लिए पर्याप्त गैस उपलब्ध करवाने और 160 मेगावाट की रामगढ़ (स्टेज-4) परियोजना के लिए गैस की दर निर्धारित करवाने का आग्रह भी किया।
कोयला आंवटन में प्राथमिकता- 
केंद्रीय ऊर्जा राज्यमंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद बताया कि हमारे मंत्रालय ने राजस्थान की महत्वाकांक्षी 5800 मेगावाट की ऊर्जा परियोजनाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर कोयला आंवटित करने के लिए कोयला मंत्रालय को अपनी अनुशंषा भेज दी है। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण विद्युत योजना के अंतर्गत राजस्थान को 40 योजनाओं के लिए 1300 करोड़ रुपये और 22 छोटे एवं मध्यम शहरों के विद्युतीकरण के लिए 2000 करोड़ रुपये मंजूर किए गये हैं। भेंट के दौरान श्री गहलोत ने श्री सिंधिया से आग्रह किया कि 12वीं पंचवर्षीय योजना में राज्य-सरकार की मंशा 300 की आबादी वाली ढाणियों (छोटी-छोटी बसावटों) का विद्युतीकरण करना है। उन्होंने बताया कि राज्य-सरकार अपने बलबूते पर एक सौ की आबादी वाली ढाणियों के विद्युतीकरण के कार्य को अंजाम दे रही है।

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