रविन्द्र जानी ने हास्य फंव्वारे छोड़ कर दर्षकों को खूब हंसाया

asजैसलमेर । सुविख्यात मरु महोत्सव -2014 के कार्यक्रमों की कड़ी में दूसरे दिन गुरुवार को स्वर्ण नगरी जैसलमेर में सायं शहीद पूनमसिंह स्टेडियम में आयोजित हुई सांस्कृतिक सांझ खूब जमी। जिसमें जैसलमेर के साथ ही विभिन्न जिलों एवं महाराष्ट्र व मध्यप्रदेष से आए विख्यात लोक कलाकारों ने लोक संस्कृति की छटा बिखेर कर पूरे माहौल को आनंदित सा कर दिया एवं उनकी लोक संस्कृति से रुबरु भी करा दिया। सांस्कृतिक संध्या के मुख्य साक्षी जिला कलक्टर एन.एल.मीना ,एयर कमाण्डोर चन्द्रमोली , अतिरिक्त जिला कलक्टर मानाराम पटेल , नगर विकास न्यास के सचिव आर.डी.बारहठ ,अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के.सी.यादव ,उप अधीक्षक पुलिस सोहनराम विष्नोई ,सहायक निदेषक विकास पण्डया थे एवं उन्होंने भरपूर आनंद उठाया। सांस्कृतिक सांझ में स्टेडियम पूरा दर्षकों से खचा-खच भरा था तथा सभी रसिकों ने प्रत्येक सांस्कृतिक कार्यक्रम को देखा एवं उससे मोहित हुए। सांस्कृतिक संाझ में बालाषाट से आए लाॅफ्टर चैलेंज रविन्द्र जाॅनी ने हास्य फूलवारियाँ पेष कर दर्षकों को खुब हँसाया। दर्षकों ने इसके कार्यक्रम को देख कर बहुत ही प्रभावित हुए। उसने भी दर्षकों की मांग पर कार्यक्रम में दो-तीन बार हास्य व्यंग्य प्रकट कर सभी को खूब आनंदित किया। जोधपुर के ख्यातनाम कलाकार छवरलाल गहलोत ने विवाह उत्सवों ,युद्ध के लिए रवाना होती सेना एवं युद्ध जीत कर पुनः आती सेना के स्वागत में प्रस्तुत किए जाने वाले कच्छी घोड़ी नृत्य की बहुत ही शानदान प्रस्तुत की।
       auसांस्कृतिक सांझ में जैसलमेर के रामगढ़ के कलाकार रबनखां एण्ड पार्टी ने पूनमनगर के शहीद पूनमसिंह भाटी को समर्पित वीरता का गीत प्रस्तुत कर पूरे महौल को देषभक्ति की भावना से ओतप्रोत कर दिया। बाड़मेर के अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त लोक कलाकार पुष्कर प्रदीप ने भवाई नृत्य कर सभी को आष्चर्यचकित कर दिया। उसके साथ आई महिला कलाकार ने कांच के टूकड़ों , कांच की गिलासों , नुकीले कीलों , नगी तलवारों पर नृत्य कर शारिरिक संतुलन का अद्भूत नमूना पेष किया।
       अन्तर्राष्ट्रीय लोककलाकार मूलसागर निवासी तगाराम भील ने अलगौंजावाद पर राजस्थानी गीतों की मधूर धूनों को पेष कर सभी दर्षकों को मोहित कर दिया। भरतपुर के लोककलाकार अषोक शर्मा एवं उसकी पार्टी ने मयूर नृत्य की भी बहुत ही सुंदर प्रस्तुती पेष कर दर्षकों की वाहवाही लूटी।
       सांस्कृतिक संाझ में पष्चिमी क्षेत्रीय सांस्कृतिक उदयपुर के गुजराज से आए ख्यातनाम लोककलाकार वनराज आर. गोयल ने नवरात्री पर आयोजित होने वाले गरबा नृत्य को प्रस्तुत कर गुजराती संस्कृति से रुबरु करा दिया। मध्यप्रदेष के ख्यातनाम कलाकार उमेष कुमार नामदेव एवं महाराष्ट्र के ख्यातिप्राप्त लोक कलाकार साहिरअवधूत विभूते ने बधाई व लावणी की प्रस्तुती कर उनके प्रांत की सांस्कृतिक कला का परिचय कराया।
       सांस्कृतिक सांझ की शुरुआत जैसलमेर की संगीत क्षेत्र की नांदस्वरम् संस्था के जयप्रकाष हर्ष और उनकी टीम ने सरस्वती वंदना से की । सांस्कृतिक कार्यक्रम में जैसलमेर के मोहनखां एण्ड पार्टी ने केषरिया बालम आओ नी पधारो म्हारे देष गीत प्रस्तुत किया। वहीं जैसलमेर के अजीजखां एण्ड पार्टी ने शहनाईवादन की प्रस्तुती की।
       कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ उद्घोषक जफरखां सिंधी ने किया एवं उन्होंने बीच-बीच में शेरो-षाॅयरी एवं हास्यप्रद चुटकले पेष कर सभी दर्षकों को मोहित कर दिया। विदेषी मेहमानों को इस संास्कृतिक सांझ की प्रस्तुती की अंग्रेजी कमेंटर गुलनाजखां ने अंग्रेजी में उसका अनुवाद कर उन्हें लोकसंस्कृति से परिचय कराया। कार्यक्रम में सहायक पर्यटन अधिकारी खेमेन्द्रसिंह जाम ,चीमाराम प्रजापत , तहसीलदार पीताम्बर राठी , सुरक्षा की कमान संभाले पुलिस अधिकारी , मरुश्री 2013 विजय बल्लाणी ,मरुश्री 2014 जितेन्द्र खत्री भी उपस्थित थे।
VIJAY KUMAR, Editor, HAFTE KI BAAT, BARMER (Rajasthan)

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