पूर्व मंत्री भाया ने राज्यपाल को ज्ञापन भेजकर नौनिहालों की मौत की निष्पक्ष न्यायिक जांच की मांग की है। उन्होंने राजस्थान की भाजपा सरकार के चिकित्सा मंत्री एवं महिला बाल विकास मंत्री द्वारा चिकित्सकों को बचाने के लिए न्यायिक जांच हुए बिना क्लीन चिट देने को शासन की लापरवाही का उदाहरण बताया। उनसे नैतिक जिम्मेदारी लेकर तुरंत मंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की है। पूर्व मंत्री भाया ने मृतक नवजात शिशुओं के परिजनों को मुख्यमंत्री सहायता कोष से 20-20 लाख रुपए की सहायता दिलाने का भी आग्रह किया है।

क्या ऐसा नहीं हो सकता कि, सरकार अपनी ओर से सहायता देने के बजाय उन लापरवाह डाक्टरों की पगार से सहायता राशि जुटाए ताकि, भविष्य में ऐसा कदापि ना हो। उच्चस्तरीय जाँच के बाद सब सभव है। इससे सरकारी खजाना भी खाली नहीं होगा। और ऐसे बेपरवाहों को सजा भी मिल सकेगी। क्यों ठीक है ना बात। चिकित्सामंत्री और सरकार की साख पर आ रही तपन भी स्वत: घट जाएगी।