अजमेर में पुराने पंप बदलने के लिए एमओयू पर हुए हस्ताक्षर

पायलेट प्रोजेक्ट सफल रहा तो प्रदेश के सभी 10 साल पुराने और पांच करोड़ रुपए से अधिक सालाना बिजली खर्च करने वाले पंप हाउसों को बदला जाएगा।
IMG-20160527-WA0032जयपुर, 27 मई। जलदाय मंत्री श्रीमती किरण माहेश्वरी के निर्देशों पर जलदाय विभाग ने संपूर्ण प्रदेश में पुराने एवं कम दक्षता वाले पम्प सेटों को बदलकर नए एवं उच्च दक्षता वाले पम्प सैट एस्को मोड पर लगवाने का निर्णय किया था। इसी क्रम में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर भारत सरकार के उपक्रम एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड ‘ईईएसएल’ को अजमेर जिले के विभिन्न पम्पिंग स्टेशनों पर स्थापित पुराने पम्पों का बदलने के लिए एमओयू साइन किया गया।
जल भवन में शुक्रवार को ईईएसएल की क्षेत्रीय प्रबन्धक रितु सिंह एवं पीएचईडी अजमेर के अधीक्षण अभियंता सुनील सिंघल ने एमओयू पर साइन किए। इसके अन्तर्गत एनर्जी एफिशियंसी सर्विसेज लिमिटेड द्वारा पम्पों के बदलने के निविदा प्रपत्र तैयार किए जाएंगे और टेंडर के माध्यम से सबसे कम खर्च कर पम्प बदलकर उनका संधारण करने वाली फर्म का चुनाव किया जायेगा।
एस्को मोड पर उच्च शक्ति के पम्पों को बदलकर नए पम्प लगाने का कार्य विभाग द्वारा बिना किसी खर्च किए बिजली की बचत से प्राप्त हुई राशि के अन्तर्गत ही पूरा किया जाएगा। यदि यह पायलेट प्रोजेक्ट सफल होता है तो प्रदेश के अन्य जिलों में पम्पों को बदलने का कार्य एस्को मोड पर दिए जा सकेंगे। एक आकलन के अनुसार नए पम्प लगाने से अजमेर जिले में विभाग को लगभग तीन करोड़ रुपए की सालाना बचत होने का अनुमान हैं।
क्या है एस्को मॉडल
प्रदेश के ‘खर्चीले’ पंप हाउसेज पर लगाम लगाने के लिए एस्को (एनर्जी सेविंग परफोर्मेंस कॉन्ट्रेक्टर) मॉडल के लिए निजी कंपनियों से निविदाएं आमंत्रित कर नई तकनीक के पम्प लगाने और उनका संधारण कर संबंधित वाल्व, स्काडा, सिस्टम पैनल्स आदि बदलने का कार्य करवाकर विद्युत बिलों की बचत में हिस्सेदारी प्रस्तावित की जाती हैं। योजना के तहत निजी फर्म पम्प हाउसों पर कम ऊर्जा खपत वाले मोटर लगाकर बिजली की बचत करेंगी, जिसके जरिए लाभांश कमाएगी।

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