पुस्तक ‘‘जिन कदमों ने रचे रास्ते’’ पर चर्चा

”जिन कदमों ने रचे रास्ते” में वर्तमान समय से सीधा संवाद है
img_20161120_172905बीकानेर 20 नवम्बर । अजित फाउण्डेषन द्वारा कवि कथाकार राजाराम स्वर्णकार की पुस्तक ‘‘जिन कदमों ने रचे रास्ते’’ पर चर्चा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वक्ताओं ने पुस्तक के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा करते हुए कृति का समग्र साहित्यिक मूल्यांकन किया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष वरिष्ठ साहित्यकार समालोचक श्री भवानी शंकर व्यास ‘विनोद’ ने कहा कि पुस्तक ‘‘जिन कदमों ने रचे रास्ते’’ में नगर की दिवंगत पीढ़ी के साथ वर्तमान सृजनरत पीढी का अनूठा सामंजस्य नजर आता है। उन्होंने कहा कि रचनाकार ने बीकानेर के स्वतंत्रता सेनानियों, कलाकारों, साहित्यकारो, संस्कृतिकर्मियों, विविध क्षेत्रों में सेवाएं अर्पित करने वालों पर सृजन कर नगर के प्रति ऋणबोध का एहसास कराया है। उन्होंने कहा कि पुस्तक में जीवनी, बातपोषी, संस्मरण, प्रांजलता के तत्व समाहित है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. जिया उल हसन कादरी ने कहा कि जिन कदमों ने रचे रास्ते अपने समय से सीधा संवाद का जीता जागता दस्तावेज है। उन्होंने कहा कि पुस्तक रचयिता ने साहित्य की बहुप्रचलित विधाओं में सृजनरत होने के बावजूद जीवनीपरक रेखाचित्र विधा को चुना है। पुस्तक में रेखाचित्र शैली में आलेख शख्सियतों का पूरा खाका हमारे सामने प्रस्तुत करते है। उन्होंने कहा कि नगर की 31 विभूतियों को पुस्तक में शामिल कर रचनाकार ने अनूठा कार्य किया है। डॉ. जिया ने कहा कि पुस्तक में भाषा सहज, सरल और सम्प्रेषणियता से ओत-प्रोत है।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार मधु आचार्य आषावादी ने कहा कि पुस्तक के रचनाकार ने साहित्य की छूटी हुई विधा पर सृजन कर अनूठा कार्य किया है। व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा ने कहा कि पुस्तक की रचनाओं में रचयिता की तटस्थता एवं निष्पक्षता सराहनीय है। लेखक अषफाक कादरी ने कहा कि पुस्तक के आलेख नगर के स्वतंत्रता संग्राम, विकास, साहित्य-संस्कृति का जीवंत इतिहास है। चित्रकार मुरली मनोहर के. माथुर ने कहा कि पुस्तक के जीवनीपरक आलेख आने वाली पीढ़ियों के लिए उपयोगी है।
कार्यक्रम के संयोजक संजय आचार्य ‘वरूण’ ने कहा कि पुस्तक की विषयवस्तु, प्रस्तुतिकरण एवं भाषा प्रभावषाली है। संस्था समन्वयक संजय श्रीमाली ने अतिथियों का स्वागत करते हुए अजित फाउण्डष्ेान की गतिविधियों की जानकारी दी। कार्यक्रम में वरिष्ठ रंगकर्मी बी.एल. नवीन, मुम्बई के फिल्मकार मंजूर अली चंदवानी, कवि राजेन्द्र जोषी, इरषाद अजीज, मो. फारूक, डॉ. उषा किरण सोनी, गिरिराज पारीक, प्रभुदयाल सोनी, ऋषि अग्रवाल, कासीम बीकानेरी, मीनाक्षी स्वर्णकार साक्षी बने।
संस्था के कार्यकारिणी सदस्य डॉ. अजय जोषी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

संजय श्रीमाली
कार्यक्रम समन्वयक
अजित फाउण्डेष्ेान
मो. – 9509867486

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