तय मापदण्डो के अनुसार नहीं डल रही है छत
हरिश शर्मा । किशनगंज ब्लॉक कीग्राम पंचायत बिलासगढ़ के गांव बरखेड़ा में सहरिया परियोजना द्वारा संचालित सहरिया ननिहालों के लिए मां बाड़ी केन्द्र चलाये जा रहे है। जिसके तहत जहां पर भवन क्षतिग्रस्त हैं उन्हे तोड़कर नए भवनों का निर्माण स्वच्छ परियोजना द्वारा करवाया जा रहा है। किशनगंज तहसील के बिलासगढ़ पंचायत के अन्तर्गत आने वाले बरखेड़ा गांव में भी नए भवन का निर्माण करवाया जा रहा है। जो लगभग 1 माह स ेचल रहा है। भवन निर्माण समिति भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष हेमराज सहरिया ने बताया कि भवन निर्माण में मिटटीयुक्त रेत जिसे देशी भाषा में भुडडा कहते है।उसमें बनास रेत की मिलावट कर तीस तगारी में 1 कटटा सीमेन्ट मिलाकर चुनाई कीगई। जो की गलत है। में दूसरे गांव निकलगया था इस कारण इन्होने मिटटी युक्त रेत में बनास मिलाकर चुनाई कर दी। व में ने आकर कहा तो जेइइएन गजानन्द ओड ने कहा कि कोई बात नहीं है काम बढ़िया हो रहा है। मंगलवार जब भवन निर्माण होने के बाद आरसीसी की छत डालने की भी मुझसे नहीं कहा गया जब मेंने आकर देखा तो 12 तगारी गिटटी 12 तगारी रेत व 1 कटटा सीमेन्ट मिलाकर छत डाली जा रही है। जो गलत है। पर हमारी सुनने वाला कोईनहीं है। व छत पर गिटटी डालने के बाद वाइवेटर भी नहीं चलाया जा रहा है। जब संवाददाता द्वारा लेवर से पूछा गया कि वाइवेटर क्यों नही चला रहे है तो उन्होने कहा कि वाइवेटर खराबहो गया है। पाने लेने गये है आते ही सही करके चला दिया जायेगा। जबकि वाइवेटर बिना छत नहीं डाली जा सकती। हेमराज सहरिया ने बताया कि कनिष्ट अभियन्ता का भाई ही भवन का ठेकेदार है। वहीं पर से स्वच्छ परियोजना के अतिरिक्त कार्यवहक कनिष्ट अभियन्ता गजानन्द ओड के मो नं 9636564460 पर फोन किया तो उनका मोबाइल बन्द बताया जिससे लापरवाही व मिलीभगत साफ जाहीर हो रही है। कि अपने भाई को फायदा पंहुचाने के लिए नियम कायदे कानूनों की भी परवाह नहीं की जा रही है। व घटिया निर्माण करवाया जा रहा है। समाचार लिखे जाने तक कनिष्ट अभियन्ता का दूरभाष नं. बन्द था। व छत डल चुकी थी। वहां पर स्वच्छ परियोजना का न तो कोई कनिष्ट अभियन्ता मौजूद था न ही कर्मचारी। जिससे पता लगता है कि परियोजना द्वारा भवन निर्माण में लापरवाही बरती जा रही है। घटिया निर्माण के चलते अगर भवन गिर गया या कोई जनहानि हो गई तो कौन होगा जिम्मेदार प्रशासन, स्वच्छ परियोजना, सहरिया परियोजना, या ठेकेदार या जेईइइएन।
स्वच्छ परियोजना द्वारा तयमापदण्डों के अनुसार मां बाड़ी भवन का निर्माण नहीं हो रहा है। नियम के अन्तर्गत साढ़े 4 तगारी रेत व 8 तगारी गिटटी में 1 कटटा सीमेन्ट मिलाकर वाइवेटर के साथ छत डालने का प्रावधान है। व छत निर्माण के समय परियोजना के अधिकारी या कर्मचारी उस स्थान पर मौजूद होने चाहिए उनकी देखरेख में ही निर्माण किया जा सकता है।
स्वच्छ परियोजना अधिकारी वीपीएसपरमार ने बताया कि अगर भवन निर्माण में लॉकल रेत का उपयोग हुआ है तो गलत है व छत में 12 तगारी रेत 12 तगारी गिटटी के साथ 1 कटटा सीमेन्ट मिलाया जा रहा है तो में ऑफिस से जेइइएन को भेजकर जॉच करवाकर उचित कार्यवाही करूंगा।
