बाड़मेर 12 दिसम्बर
स्थानीय सिंधी धर्मषाला स्टेषन रोड़ में पूज्य सिंधी सेन्ट्रल पंचायत द्वारा राजस्थान हाईकोर्ट न्यायालय के न्यायाधीषपति गंगाराम मूलचंदाणी का भव्य सम्मान समारेाह आयोजित किया गया। इस अवसर पर सिंधी समाज अध्यक्ष मिरचुमल कृपलानी, सेषन न्यायालय मोहनदास व्यास, पूर्व सिंधी समाज के अध्यक्ष रामप्रकाष कोटवानी, पूर्व सचिव लक्ष्मणदास बादलानी ने साफा व माला पहनाकर भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर सिंधी समाज द्वारा अभिनंदन पत्र व श्रीफल दिया गया। इस अवसर पर मूलचंदाणी ने कहा भारत पाकिस्तान विभाजन के समय हिन्दू धर्म की रक्षा करने के लिए सिंध से सिंधी समाज के लोग अपने साथ विरासत में सिर्फ सिंधी भाषा ले आए। अपनी कड़ी मेहनत से आज पूरे विष्व में हर कार्य में अग्रणी है। वह अलग से पहचान बनाई है। मातृभाषा से ही इंसान की पहचान होती हैै। रामप्रकाष कोटाणी ने कहा सिंधी भाषा को बढावा देने के लिए सिंधी समाज के प्रत्येक घर में बच्चों को सिंधी भाषा सिखानी चाहिए ताकि हमारी पहचान बनी रहे। सिंधी समाज के अध्यक्ष मिरचुमल कृपलानी ने सिंधी संस्कृति के बारे में अपने विचार रखे और कहा कि आज पुरे विष्व में हमारे आयोजनों की अलग से पहचान है।
इस अवसर पर सेषन न्यायालय के न्यायाधीष मोहनदास व्यास ने कहा कि मूलचंदाणी सरल स्वभाव के है अपना अमूल्य समय हर जगह हर समय देते है। सिंधी समाज की जितनी व्याख्या करें उतनी ही कम है। इस अवसर पर पंचायत प्रवक्ता भगवानदास आसवानी ने कहा कि सिंधी समाज जब भारत में आया सर्वप्रथम अपना पेट भरने के लिए व्यापार किया। बाद में सिर ढकने के लिए छत की व्यवस्था की। और आज शरणार्थी से परमार्थी हो गया। सिंधी समाज का कोई भी लोग भीख नहीं मांगता, छोटा सा व्यापार करके अपना पेट भरता है।
इस अवसर पर भारतीय सिंधी समाज के जिलाध्यक्ष भगवानदास ठारवानी, झूलेलाल भजनमण्डली संयोजक नारायणदास कटारी, लाल साई ग्रुप के हरीष राजवानी, रामदेव ग्रुप के जीतू कोजवानी, झूलेलाल महिला सेवा समिति निर्मला सुखपालानी, ने मूलचंदाणी का भव्य स्वागत किया गया। बड़ी तादाद में सिंधी समाज के गणमान्य लोग व सिंधी समाज की समस्त कार्यकारिणी व युवावर्ग, माताएं उपस्थित थी। साथ में प्रतिभोज का आयोजन किया गया। मंच का संचालन भगवानदास आसवानी ने किया।
भगवानदास आसवनी
प्रवक्ता
मो. 9414269185