मनु स्मृति ,मनु मूर्ति और मनुवाद के विरुद्ध जन आन्दोलन का ऐलान
जयपुर .3 जनवरी 2017.
सावित्री बा फुले की जयंती के मौके पर राजस्थान भर से आये प्रतिनिधियों की मौजूदगी में मनुवाद विरोधी सम्मलेन का आयोजन किया गया ,जिसमे सर्वसम्मति से तय हुआ कि राजस्थान उच्च न्यायालय के परिसर में लगी मनु की मूर्ति के हटने तक देश व्यापी आन्दोलन किया जायेगा .जो विभिन्न राज्यों तथा राजस्थान के जिला मुख्यालयों तक भी जायेगा . यह भी निर्णय लिया गया कि मनुवाद विरोधी अभियान का एक शिष्टमंडल शीघ्र ही राजस्थान के मुख्य न्यायाधीश से मिलकर मांग करेगा कि हाई कोर्ट परिसर में लगी अन्याय के प्रतीक मनु की मूर्ति को हटाने के लिए शीघ्र सुनवाई की जाये .
जयपुर के स्वामी कुमारानंद भवन में आयोजित इस मनुवाद विरोधी सम्मलेन में यह भी तय किया गया कि सावित्री बा फुले की जयंती से लेकर महात्मा ज्योतिराव फुले के जन्मदिन 11 अप्रैल 2017 तक मनु ,मनुस्मृति ,मनु प्रतिमा और मनुवाद के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जायेगा तथा अंत में जयपुर पंहुच कर मनु प्रतिमा के विरुद्द जन आक्रोश का प्रदर्शन किया जायेगा .सम्मलेन ने सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव भी पारित किया कि कानून तथा राजनीती विज्ञान के पाठ्यक्रमों से मनु को हटाया जाये तथा उनके स्थान पर मानवतावाद को पढाया जाये .
मनुवाद विरोधी इस सम्मलेन की अध्यक्षता राजस्थान की संघ्राश्शील महिला नेताओं के एक अध्यक्ष मंडल ने की ,जिसमे भंवरी बाई ,ग्यारसी बाई ,नौरती बाई ,रेणुका पामेचा ,ममता जेटली ,ललिता पंवार ,मोहिनी देवी ,कविता श्रीवास्तव ,निशा सिद्दू ,सुमित्रा चौपड़ा ,शिवा देवी ,डॉ रईसा , द्रोपदी वर्मा ,सुमन देवठिया ,ग्रीष्मा और कुसुम साईंवाल तथा राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष लाडकुमारी जैन ने की .
सम्मलेन को संबोधित करते हुए अधिवक्ता प्रेमकृष्ण शर्मा ने मनुस्मृति में लिखे गए शुद्र एवं स्त्री विरोधी श्लोकों की जानकारी देते हुए कहा कि ऐसे ग्रंथों के होते हुए समाज से गैरबराबरी की मानसिकता ख़त्म नहीं हो सकती है ..मनु मूर्ति के विरुद्ध दलित पक्ष की और से लड़ रहे वकील अजय कुमार जैन ने अब तक की कानूनी लडाई की जानकारी दी तथा न्यायिक उदासीनता का जिक्र किया .दलित अधिकार केंद्र के संरक्षक पी एल मिमरोठ ने मनुमुर्ति प्रकरण के क़ानूनी पहलुओं सहित समय समय पर हुए जन आन्दोलनों से वाकिफ करवाया .सम्मलेन को संबोधित करते हुए मजदुर किसान शक्ति संगठन के निखिल डे ने कहा कि न्याय मूर्ति के होते हुए अन्याय की प्रतीक मनु की मूर्ति का होना हमारी पूरी न्यायिक व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है .
मनुवाद विरोधी अभियान की ओर से भंवर मेघवंशी ने बताया कि आज के सम्मलेन में यह संकल्प लिया गया कि न्यायपालिका तथा अन्य क्षेत्रों में व्याप्त मनुवाद को उजागर करने के लिए जनजागरण अभियान प्रारम्भ किया जायेगा जो मनु की मूर्ति के हटने तक जारी रहेगा . सम्मलेन में यह मांग भी उठी कि प्रधानमंत्री अगर अम्बेडकर के प्रति इतना ही सकारात्मक भाव रखते है तो उन्हें राजस्थान उच्च न्यायालय के अन्दर लगी मनु की मूर्ति को हटवा कर वहां पर अम्बेडकर की मूर्ति स्थापित करवानी चाहिए ,जो की आज के भारत के कानून निर्माता है ,
आज के मनुवाद विरोधी सम्मलेन को उदाराम मेघवाल { बाड़मेर } कैलाश मीना { नीम का थाना } डॉ रमेश बैरवा { अलवर } दलित शोषण मुक्ति मंच के प्रदेश संयोजक किशन मेघवाल ,सफाई कर्मचारी यूनियन के नयन ज्योति ,एसएफआई के किशन खुडीवाल ने भी संबोधित किया .किशन मेघवाल ने दलितों के भीतर मौजूद मनुवादी ताकतों की तरफ भी ईशारा करते हुए उनसे भी लड़ने का आह्वान किया .
सम्मलेन में सर्वसम्मति से मनु प्रतिमा के विरूद्ध तहसील स्तर तक आन्दोलन चलाने के फैसले पर भी सहमती बनी .आज के सम्मलेन में प्रदेश भर से बड़ी संख्या में युवाओं की उत्साहवर्धक भागीदारी रही .
सम्मेलन को सफल बनाने में गोपाल वर्मा,राकेश शर्मा ,ताराचंद वर्मा ,हंसराज कबीर ,देबी लाल मेघवंशी ,डालचंद रेगर,सरपंच कैलाश चन्द्र बलाई,महावीर रेगर ,कालु बंजारा ,जोगराज सिंह ,कमलेश मेघवाल,शैलेष मोसलपुरिया,पप्पु कुमावत ,नवीन भाई खेमराज चारोटिया ,महादेव रेगर ,नीलम मेघवाल आदि साथियों की अहम भूमिका रही.