

जिले के पक्षी विहार केंद्र के नाम से प्रसिद्ध मेनार गांव का वातावरण एवं सुंदर नजारा आजकल दर्शनार्थियों के साथ विदेशी सैलानियों को भी अपनी और आकर्षित कर रहा है। यहां का खुला वातावरण एवं साफ-सुथरे ढंड तालाब में विचरण कर रहे विदेशी पक्षियों को निहारने के लिए विदेशी सैलानियों कि आजकल रेलमपेल लगी हुई है। ऐसा ही नजारा को गुरुवार को देखने को मिला जहां पर फ्रेंच एवं इंग्लैंड से आये विदेशी सैलानियों की टीम को मेनार की आबोहवा खूब भाया । साथ ही मुंबई से आए पक्षी प्रेमी एवं गाइड विनोद सुहालका नवज्योति को बताया की सर्व प्रथम मेनार में ब्रह्म सागर तालाब किनारे स्थित लगभग 52 फ़ीट ऊँची महादेव भगवान की प्रतिमा के दर्शन करवा कर विदेशी सैलानियों का ध्यान आकर्षित किया।
ढंड तालाब में स्वच्छंद विचरण कर रहे लगभग डेढ़ सौ विदेशी प्रजातियों के पक्षी को निहारने के लिए भी पूरी टीम पहुंची। सैलानियों ने तारीफ करते हुए बताया कि यहां का वातावरण एवं किसी भी प्रकार का कोई बाधा नहीं है जो उन्हें खूब भाया। विदेशी सैलानियों गांव के प्रमुख मार्गो से होते हुए पैदल सफर के साथ में ग्रामीण परिवेश को गरीबी से देखा एवं जाना जो उन्हें काफी दिलचस्प एवं लुभावना लगा। पर्यटकों ने मेनार एम ग्रामीण क्षेत्र की काफी तारीफ की । ग्रामीणों ने भी आदर भाव से उनके सत्कार में लगे रहे। साथ ही कई पक्षी प्रेमियों का विदेशी सैलानियों के साथ में सेल्फी का दौर भी चला।
उल्लेखनीय है कि यहां पर प्रवासी पक्षियों की पिग्मी गुज, एशियन पॉइंट, यूरेशियन कॉमन टील, ब्लैक टेल गॉडवीक, स्टर्लिंग कॉमन पिग्मी गुज, सहित लगभग 150 प्रकार की प्रजातियां के अप्रवासी पक्षी देखने को मिल रहे हैं । जो कि मेनार को देश के नक्शे में अलग पहचान बनाने में सिद्ध हो रहा है ।