फ़िरोज़ खान
बारां 24 मार्च । बिलाशगढ़ ग्राम पंचायत मुख्यालय पर अहेड़ी बस्ती के लोगो को एक साल से मनरेगा में रोजगार नही मिला है । सीतराम अहेड़ी व् गजानन्द अहेड़ी ने बताया कि मार्च 2016 में चारागाह भूमि में मनरेगा में काम किया था । जिसका भुकतान अभी तक नही मिला है । पुरषोत्तम पुत्र उदल, मुकेश पुत्र लालाराम, राकेश पुत्र भेरूलाल, राजू पुत्र बुद्धलाल, लाली बाई पत्नी चंदू, कुसुमल पत्नी उदल, रामदयाल पुत्र किशोर सहित करीब 100 श्रमिको का अभी तक भुकतान नही मिला है । इन लोगो ने बताया कि अहेड़ी बस्ती में करीब 130 घर है । और सभी लोग मजदूरी पर निर्भर है । अभी फसल कटाई का काम चल रहा है । उस पर महिलाएं काम कर रही है । मगर मनरेगा काम नही चल रहा है । अहेड़ी समाज के लोग अनुसूचित जाति में आते है । उन्होंने बताया कि मनरेगा का काम चालू हो जायेगा तो रोजगार मिल जायेगा । यह गांव वन विभाग में होने के कारण इनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है । अधिकारियो का कहना है कि वन विभाग के कारण इनको मनरेगा में काम नही मिल रहा है । अगर वन विभाग स्वीकृति दे दो तो पंचायत राज काम व् राशि देने को तैयार है । इन्होंने विकास अधिकारी से मनरेगा में रोजगार देने की मांग की है । वही जॉब कार्ड भर चुके है । और अधिकांश फट चुके है । इनका नवीनीकरण किया जाये । विकास अधिकारी राहुल कुमार ने बताया कि बिलासगढ़ वन भूमि में होने के कारण काम स्वीकृत नही है । वन विभाग काम नही दे रहा है, और ना ही एनओसी दे रहा है । इस कारण इस पंचायत में मनरेगा काम नही चल रहा है । वही बकाया भुकतान का पैसा इसलिए रुका हुआ है कि स्वीकृत राशि से ज्यादा काम हो गया इस कारण इन श्रमिको का भुकतान नही हो पाया है । इसके लिए प्रयास किये जा रहे है । इनका जल्दी ही भुकतान करवा दिया जावेगा ।
