ब.ज.सि. रामपुरिया जैन विधि महाविद्यालय, बीकानेर की रासेयो दोनों इकाइयों द्वारा आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर के पांचवे दिन की शुरूआत स्वयंसेवकों के द्वारा सरस्वती वन्दना एवं योगाभ्यास से की गई। इसके पश्चात् प्रथम सत्र में स्वयंसेवकों द्वारा महाविद्यालय परिसर के भीतर ही श्रमदान का कार्य किया। जिसके तहत उन्हांेने पेड़ों को पानी दिया, पीने के पानी की टंकी सफाई की, अनावश्यक कंटीली झाडियों इत्यादि को काटकर सफाई की। महाविद्यालय के प्रषासनिक परिसर को साफ किया तथा महाविद्यालय में लगे उद्यान पर वृक्षारोपण भी किया। श्रमदान के पश्चात् स्वयंसेवकों ने अल्पाहार किया।
द्वितीय सत्र में स्वयंसेवकों के लिए एक मोटिवेषनल सेमिनार का आयोजन किया गया। सेमिनार को महाराजा गंगासिंह विष्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव एवं भारतीय प्रषासनिक सेवा के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी श्री मनोज शर्मा ने सम्बोधित किया। श्री शर्मा ने अपने सम्बोधन में स्व्यंसेवकों से कहा कि विद्यार्थी जीवन में प्रत्येक युवा को आत्मविष्वास और लगन के साथ मेहनत करके अपने लक्ष्य की ओर आगे बढना चाहिए।
श्री शर्मा ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अकादमिक परीक्षा, प्रतियोगी परीक्षा में तैयारी करने से पूर्व चरणबद्ध तरीके से आत्मविष्वास के साथ मेहनत करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि परीक्षा से पूर्व विद्यार्थी को ध्यान, लगन, नियोजित समय एवं आनन्द के साथ आत्मविष्वास से लबरेज होकर तैयारी करनी चाहिए। क्योंकि आत्मविष्वास से लबरेज युवा जीवन के हर क्षेत्र में नेतृत्व करने के लिए हमेषा तैयार रहता है।
श्री शर्मा ने अपने उद्बोधन में महात्मा गांधी, भक्त मीरा एवं स्वामी विवेकानन्द के विभिन्न प्रसंगों के द्वारा विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में कई ऐसे महापुरूष हुए है जिनके जीवन प्रसंगो से हमें प्रेरणा मिल सकती है। प्रत्येक विद्यार्थी को इस प्रकार के प्रसंग समय समय पर पढने चाहिए जिससे उन्हें अपने जीवन में आगे बढकर कार्य करने और लक्ष्य प्राप्ति में सहायता मिलेगी। उन्होंने अपने प्रषासनिक अनुभव विद्यार्थियों के साथ साझा करते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को हताषा को अपने जीवन में प्रवेष नहीं करने देना चाहिए और हताषा को आनन्द के रूप में लेकर आगे बढना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि आत्मविष्वास सदैव मेहनत से आता है और असफलता के भय को दिल और दिमाग से निकालकर गलतियों से सबक लेते हुए परीक्षा की तैयारी करनी चाहिए। विद्यार्थी अध्ययन के दौरान लिखकर याद करें और महत्वपूर्ण बिन्दुओं को लिखकर अपने पास रखे जिनकी पुनरावृत्ति करते रहे।
उन्होंने कहा कि कोई भी कार्य कभी छोटा नहीं होता और प्रत्येक मनुष्य ईष्वर की सर्वश्रेष्ठ कृति है और उसे अपने भीतर की चेतना को जागृत करते हुए अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करना चाहिए। सेमिनार के दौरान उन्होंने विद्यार्थियों की विभिन्न जिज्ञासाओं को भी शांत किया।
इससे पूर्व सेमिनार को सम्बोधित करते हुए महाराजा गंगासिंह विष्वविद्यालय के उपकुलसचिव डॉ. बिठ्ठल बिस्सा ने कुलसचिव श्री मनोज शर्मा का संक्षिप्त परिचय दिया और विद्यार्थियों को कहा कि मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता अतः विद्यार्थी को ईमानदारी से मेहनत करनी चाहिए तथा साथ ही सच्चे दिल से ईष्वर को मनाना चाहिए क्योंकि मेहनत भाग्य और ईष्वर मिलकर सफलता की ओर प्रत्येक व्यक्ति को अग्रसर करते है।
कार्यक्रम के अन्त में प्राचार्य डॉ. अनन्त जोषी ने श्री शर्मा का महाविद्यालय परिवार और रासेयो इकाई की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।