थानेदार सहित तीन घायल, दो तस्कर गिरफ्तार, एक फरार, 510 किलो अफीम, डोडा-चूरा मिला
भीलवाड़ा। काछोला थानान्तर्गत धामणिया के निकट तस्करों के वाहन का पीछा करते पुलिस का निजी वाहन पलट गया। जिसमें महिला थानेदार सहित तीन जनें चोटिल हुए हैं। वहीं दुर्घटना में वाहन बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। जबकि तस्करों की पिकअप को पुलिस ने पकड़ लिया। दो तस्कर पुलिस के हाथ लगे हैं। वहीं 510 किलो अफीम डोडा-चूरा भी मिला हैं।
काछोला पुलिस को कल रात मुखबीर से सूचना मिली महुआ की ओर से पिक अप में अफीम डोडा-चूरा लाया जा रहा हैं। इस पर थाना प्रभारी दीपिका राठौड़ ने काछोला के रहने वाले राजकुमार जीनगर की स्कॉर्पियो और दुर्गालाल मंत्री की बोलेरो से तस्करों को पकडऩे निकली। महुआ और धामणियां के बीच की गई नाकेबंदी को तोडक़र तस्करों की पिकअप निकल गई। इस पर थाना प्रभारी दीपिका ने स्कॉर्पियों से उसका पीछा किया। इस दौरान तस्करों ने पुलिस के दूसरे वाहन को भी टक्कर मारी। पीछा करने के दौरान स्कॉर्पियों बेकाबू होकर पलट गई। जिससे थाना प्रभारी दीपिका, कॉनिस्टेबल सुरज यादव व एक अन्य महुआं निवासी प्रेमचन्द्र कंजर घायल हो गया। घायलों को उपचार के लिए रामस्नेही चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां आज दोपहर बाद दीपिका को छुट्टी दे दी गई। जबकि सिपाही के पैर में चोट लगी हैं।

पुलिस अधीक्षक डॉ. नितिनदीप ब्लग्गन ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद उप पुलिस अधीक्षक धर्मेन्द्र यादव और माण्डलगढ़ थाना प्रभारी प्रमोद शर्मा को काछोला भेजा गया हैं। प्रारम्भिक जांच-पड़ताल में यह बात सामने आयी हैं कि पिकअप में 510 किलो अफीम डोडा-चूरा मिला हैं। वहीं ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने अजमेर जिले के अराई निवासी गोमान पिता हरदेव बैरवा, लालचन्द पिता नाथू बैरवा को गिरफ्तार कर लिया। जबकि मौका पाकर इसी गांव का रहने वाला गोगा पिता बालू जाट फरार हो गया। पुलिस ने सफेद रंग की बिना नम्बरी पिकअप को भी जब्त कर लिया हैं।
पुलिस ने कहा किराये पर लिये वाहन
भीलवाड़ा। पुलिस ने महुआं की ओर से आ रहे तस्करों के वाहन को पकडऩे के लिए तीन जगह नाकेबंदी लगाई। इसके लिए दो वाहन किराये पर लिये। पुलिस का कहना है कि बीकरण चौराहा, श्रीनगर और धामणियां में नाकेबंदी की गई। तस्करों ने बीकरण और श्रीनगर की नाकेबंदी को तोड़ दिया। बाद में धामणियां की नाकेबंदी को भी तोड़ा लेकिन लोगों ने रास्ते में पत्थर डालकर गाड़ी को रोक लिया। अभी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया हैं, बीकरण और श्रीनगर में किस स्तर का अधिकार नाकेबंदी कर रहा था। वहीं पुलिस के आला अधिकारियों को भी रात में की गई नाकेबंदी की भी जानकारी नहीं थी।
तस्करों के लिए गांवों के रास्ते बने महफूज
भीलवाड़ा। वैसे तो भीलवाड़ा जिला हमेशा से ही तस्करों के लिए गढ़ रहा और यहां के रास्ते तस्करों को अपनी मंजिल पर पहुंचाने के लिए महफूज साबित हुए हैं। लेकिन पिछले कुछ महिनों से हाईवे व मुख्य मार्गों पर पुलिस द्वारा बरती जा रही सख्ती के बाद पकड़ में आए आधा दर्जन से अधिक शराब की ट्रकों व कुरियरों के बाद तस्करों ने गांवों के रास्तों को चुन लिया हैं। यहीं नहीं जिले के अधिकांश गांवों के रास्ते तस्करों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।
-मूलचंद पेसवानी