
ज्ञातव्य रहे कि गोरधनसिंह पिछले लम्बे समय से फरार चल रहा था तथा उसके विरूद्ध जैसलमेर एवं बाड़मेर के विभिन्न थानों में 34 मुकदमें दर्ज है जिसमें चोरी, नकबजनी, हत्या का प्रयास तथा राजकार्य में बाधा एवं पुलिस पर फायरिंग व गाड़ी चढाना, जान से मारने के प्रयास तक शामिल है। वर्तमान में यह 11 प्रकरणों में वांछित है तथा इस पर पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर द्वारा 5000-रूपये का र्इनाम घोषित किया गया है। इसके करीबी साथी व रिश्तेदार हालसिंह भी इसी तरह 08 मुकदमों में वांछित है एवं इस पर भी पुलिस अधीक्षक जिला जैसलमेर द्वारा 5000-रूपये का र्इनाम घोषित है। अन्य गिरफ्तार व्यकितयों में वीरसिंह, मदनसिंह, चुतरसिंह, बाबूसिंह, सुमेरसिंह के खिलाफ जिला जैसलमेर, बाड़मेर के थानों में मुकदमें दर्ज है। गोरधनसिंह जिले मेें तार चोरों के सबसे बड़े गैंग का सरगना है तथा पूर्व में इसकी गैंग के कर्इ लोग गिरफ्तार हो चुके है। इसकी गिरफ्तारी से सैंकड़ो तार चोरी एवं अन्य वारदातों के खुलने की सम्भावना है तथा इनसे चोरी का माल खरीदने वाले कर्इ लोगों की गिरफ्तारी एवं गैंग के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी का मार्ग प्रशस्त होगा।
गोरधनसिंह व हालसिंह पूर्व मे पाकिस्तान से सोने चांदी व हैरोर्इन जैसे मादक पदार्थो की तस्करी बोर्डर क्रोसिंग व हत्या का प्रयास जैसे संगीन वारदातो मे लिप्त रहे है। 10 किलो हैरोर्इन के प्रकरण मे दोनो को न्यायालय द्वारा 10 वर्ष का कारावास व एक-एक लाख रूपये का जुर्माना सुनाया गया। जेल से छूटने के बाद इन लोगो ने जैसलमेर,बाडमेर व समिपस्थ जिलो मे पवन चकिकयां से विधुत उत्पादन मे काम आने वाली केबल वायर की चोरी को एक महत्वपूर्ण व्यवसाय बना लिया, गिरफ्तार व्यकितयो मे बाबुसिंह को गत माह केबल चोरी प्रकरणो मे जमानत मिली है और इनका एक साथी श्रवणराम अभी भी जेल मे है।
chandan singh bhati
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