25वाँ सड़क सप्ताह शुरू : सूचना केन्द्र में प्रदर्शनी का शुभारम्भ

अजमेर। 25वाँ सड़क सुरक्षा सप्ताह आज सूचना केन्द्र में धूमधाम के साथ प्रारम्भ हुआ। संभागीय आयुक्त श्री आर.के. मीना ने इस सप्ताह का शुभारम्भ करते हुए सूचना केन्द्र की प्रदर्शनी दीर्घा में लगी प्रदर्शनी को आम जनता के देखने के लिए प्रारम्भ किया।
संभागीय आयुक्त श्री मीना ने सड़क सुरक्षा सप्ताह के शुभारम्भ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यातायात के नियमों का पालन कर स्वयं की तथा अन्य की सुरक्षा की जा सकती है। जिसको हमें जीवन में उतारना चाहिए। संसाधनों के बढऩे से सड़क दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं। इसमें प्रतिवर्ष जाने वाली ”जानोंÓÓ की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है, जिसे हम यातायात के नियम, सड़क सुरक्षा के कानून एवं स्वयं को संयम में रखकर कम कर सकते हैं।
श्री मीना ने कहा कि मानव जीवन मूल्यवान है। यातायात नियमों के लिए एक-दूसरे को जागरूक रहकर दर्दनाक दुर्घटनाएं रोकी जा सकती है। कई दुर्घटनाएं तो मानवीय भूल के कारण ही होती है। उन्होंने सभी से अनुरोध किया है कि वे स्वयं सुरक्षित रहे व दूसरों को भी सुरक्षित रखें। उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन कर इसे बहुत ही उपयोगी व आकर्षक बताते हुए। इसके लिए उप पुलिस अक्षीक्षक यातायात श्री राजेन्द्र सिंह राव को बधाई भी दी।
समारोह की अध्यक्षता करते हुए पुलिस अधीक्षक श्री प्रफुल कुमार ने कहा कि सड़क सुरक्षा के अनेक पहलू हंै। इनमें सुरक्षा शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण है। यदि शैक्षिक पाठ्यक्रम में सुरक्षा शिक्षा के बारे में बच्चों को प्रारम्भ से ही सिखाया जाएं तो निश्चय ही दुर्घटनाओं में कमी आएंगी। उन्होंने युवा पीढ़ी का आव्हान किया कि वे संयम में रहकर वाहन चलाएं। हमेशा आगे निकलने की कोशिश नहीं करें, गलत प्रवृतियों पर अंकुश रखें। देश में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ती जा रही है। वर्तमान में प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। अजमेर जिले में ही गतवर्ष सड़क दुर्घटना मेें पांच सौ पिच्यासी जाने चली गई। राजस्थान में 2009 में 1.25 लाख, 2010 में 1.34 लाख, 2011 में 1.42 लाख और अब डेढ़ लाख से उपर मौतें सड़क दुर्घटना में हो रही है।
पुलिस अधीक्षक ने मीडियाकर्मियों से अनुरोध किया कि वे सड़क दुर्घटना के कारणों को अवश्य बताएं और कोटेशन के रूप में दें कि ” काश हेलमेट पहना होताÓÓ , ” काश मदीरा सेवन नहीं किया होताÓÓ , ”काश कानों में ईअर फोन नहीं होतेÓÓ। उन्होंने यह भी कहा कि केरल के बाद राजस्थान देश का दूसरा प्रदेश है, जहां स्कूल से ही छात्रों को पुलिसिंग के बारे में सिखाने की योजना प्रारम्भ की गई है। कक्षा 9 से उपर के छात्रों को कैडेट बनाकर कम्यूनिटी पुलिसिंग के बारे में सिखाया जा रहा है जो समाज में पुलिस के एम्बेसेडर के रूप में कार्य करेंगे। पुलिस को भी यदि समाज को कोई संदेश पहुंचाना है तो इनके द्वारा घरों तक पहुंचाया जाएगा।
विशिष्ठ अतिथि के रूप में बोलते हुए उप निदेशक सूचना एवं जनसम्पर्क श्री प्यारे मोहन त्रिपाठी ने कहा कि यातायात के नियमों व सड़क सुरक्षा के बारे में सभी को जानकारी देने हेतु घर-घर तक लोगों को संदेश देकर जागरूक करना होगा। इसके लिए स्कूल स्तर से ही छात्र-छात्राओं को यातायात नियमों के बारे में विस्तार से शिक्षा देकर उन्हें यह जानकारी अपने घर में जाकर परिवार के सभी सदस्यों को जागरूक करने के लिए बताने की आवश्यकता है। उन्होंने अजमेर के बढ़ते हुए यातायात और यहां के सड़कों की स्थिति के बारे में विस्तार से बताया।
प्रादेशिक परिवहन अधिकारी श्री हरिमोहन शर्मा ने यातायात नियमों की जानकारी देते हुए इसकी पालना के लिए सभी को संकल्प लेने की आवश्यकता बताई। जिला परिवहन अधिकारी श्री वीरेन्द्र सिंह राठौड़ ने सड़क सुरक्षा सप्ताह और यातायात के नियमों की विस्तार से जानकारी देते हुए विभिन्न देशों में सुरक्षित यातायात के लिए बनाएं गए कडे नियमों की जानकारी दी।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए सेवानिवृत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री जयसिंह राठौड़ ने विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में मानव जीवन और उसकी सुरक्षा तथा संकल्प और नियमों के बारे में व्याख्या की और कहा कि अजमेर के नागरिक शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी होने से इसकी पूरी पालना कर सकते हैं, जरूरत है पहल करने की। उप पुलिस अधीक्षक यातायात श्री राजेन्द्र सिंह राव ने सभी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए आगामी 22 जनवरी तक इस सप्ताह में होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के बारे में बताया। समारोह में अतिरिक्त कलक्टर शहर श्री गजेन्द्र सिंह राठौड़, जिला परिवहन अधिकारी श्री सुधीर बंसल, सर्व श्री नवीन सोगानी, श्री प्रकाश जैन, श्री महेन्द्र विक्रम सिंह सहित विभिन्न स्वयं सेवी संघठनों एवं परिवहन से जुड़े संगठनों के पदाधिकारी मौजूद थे।

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