60 दिन का विजन, कितना बदलेगा राजस्थान?

vasundhara 23-बाबूलाल नागा- राजस्थान की वसंुधरा राजे सरकार ने जनता से जुड़े महत्त्वपूर्ण कार्यों की प्राथमिकता तय करते हुए 60 दिन की कार्ययोजना बनाई है। हर सरकारी विभाग को इन 60 दिन में 11 प्रमुख कार्य करने के निर्देश दिए। सरकारी महकमे ने इन कार्यों के एक्शन प्लान के लिए फुर्ती दिखाना शुरू किया। करीब एक महीने बाद साठ दिन की कार्ययोजना प्रदेश की जनता के सामने आई लेकिन इसमें कुछ खास नयापन नहीं है। ज्यादातर विभागों ने पुरानी कार्ययोजनाओं को ही आगे बढ़ाने की बात कही है। हर विभाग की कार्ययोजना का विश्लेषण करें तो लगता है कि जैसे नौकरशाही ने अपनी बला टाल दी हो। साठ दिवसीय कार्ययोजना में कोई प्राथमिकता नहीं दिखाई दे रही है।
राज्य सरकार की 60 दिन की इस कार्ययोजना में महिला मुद्दा कोई प्राथमिकता नहीं रखता है। सरकार ने अपनी 60 दिवसीय कार्ययोजना में महिलाओं से जुड़े मुद्दे को गायब ही कर दिया है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से कोई कार्ययोजना ही तय नहीं की गई है जबकि सूबे की सरकार की मुखिया महिला है। हाल में राजस्थान के महिला एवं जनसंगठनों ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को ज्ञापन देकर प्रदेश में महिलाओं व बच्चों पर हो रही हिंसा रोकने के लिए पांच साल की कार्ययोजना बनाकर काम किए जाने की मांग की थी लेकिन सरकार ने अपने 60 दिन के विजन में महिलाओं की सुरक्षा व अन्य मुद्दों पर कुछ कहा ही नहीं। इसी तरह सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरुण चतुर्वेदी ने राज्य सरकार की ओर से वृद्ध, विधवा, परित्यक्ता व विशिष्ट जन की पेंशन में बढ़ोतरी की बात कही थी लेकिन विभाग ने अपने 60 दिन की कार्ययोजना में पेंशन मुद्दे का कहीं जिक्र ही नहीं किया। सार्वजनिक निर्माण विभाग ने 60 दिन में 56 हजार किलोमीटर लंबी सड़कों की मरम्मत किए जाने की योजना बनाई है। क्या यह संभव है कि महज 60 दिन में टूटी फूटी सड़कों की हालत में सुधार हो जाएगा। जो सड़कें कई वर्षों में नहीं सुधर र्पाइं वो महज 60 दिन में कैसे व किन हालातों में सुधर पाएंगी, इसका अंदाजा भी सहसा ही लगाया जा सकता है। ग्रामीण विकास व पंचायत राज विभाग ने सरपंचों व वार्ड मेंबरों को प्रशिक्षण दिए जाने की योजना बनाई है। विभाग ने कुल 9177 सरपंचों को जनवरी 2014 में व 1 लाख 5 हजार 257 वार्ड मेंबरों को फरवरी 2014 में प्रशिक्षण दिए जाने की समय सीमा तय की है लेकिन प्रशिक्षण की रूपरेखा व कार्यक्रम का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। ये प्रशिक्षण किस तरह व कैसे आयोजित किए जाएंगे, इसका विस्तृत उल्लेख नहीं है। इसी तरह मिड डे मील योजना को प्रभावी ढंग से लागू किए जाने का सतही तौर पर उल्लेख किया गया है। इस योजना को कैसे प्रभावी ढंग से लागू किया जाएगा? क्या योजना होगी? इसका कोई उल्लेख नहीं है। यहां यह बताना जरूरी होगा कि एक रिपोर्ट अनुसार राज्य के कुल 16.34 विद्यालय ऐसे हैं जहां बच्चों के लिए मध्यान्तर भोजन नहीं बनता है। राज्य के शिक्षा विभाग ने राज्य में दो हजार कंप्यूटर लैब फरवरी 2014 तक स्थापित किए जाने की योजना बनाई है जबकि भाजपा के घोषणा पत्र अनुसार पांच साल में पांच हजार कंप्यूटर लैब स्थापित किए जाने की घोषणा की गई है। ऐसे में 60 दिन में दो हजार लैब कैसे स्थापित हो पाएंगे? राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ साथ भौतिक एवं मानवीय संसाधनों की कमी है। अतः जरूरी है कि राज्य में शिक्षा के अधिकार कानून की बेहतर क्रियांविति के लिए कोई ठोस योजना बनाई जाएं। सरकार की 60 दिवसीय कार्ययोजना में विद्यालयों की मूलभूत सुविधाओं एवं संसाधनों के प्रयासों का कोई उल्लेख नहीं किया है। हालांकि 60 दिन में सौ नए स्कूली भवन व छह सौ कक्षा रूम स्थापित करने की योजना तय की है लेकिन ये कार्य ऐसा है जिसे पूरा करने के लिए ज्यादा समय चाहिए।

बाबूलाल नागा
बाबूलाल नागा

विधानसभा चुनावों में मिले प्रचंड जनसमर्थन के साथ ही वसंुधरा राजे सरकार से प्रदेश की जनता ने काफी उम्मीदें रखी हैं। राज्य सरकार ने लोकसभा चुनावों को देखते हुए जल्दबाजी में कई कार्य पूरे करने की घोषणाएं कर दी हैं। राज्य सरकार के कार्यकाल के 45 दिन तो गुजर गए हैं। न किसानों को आठ घंटे बिजली और न ही शहरी आबादी को चौबाीस घंटे बिजली मिलनी लगी है। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता 60 दिवसीय कार्ययोजना न होकर ‘मिशन 25’ है। अब देखना होगा कि सरकार का यह 60 दिन का विजन कितने दिन में पूरा हो पाता है। (विविधा फीचर्स)

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