अजमेर। केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री श्री के. रहमान ने कहा कि दरगाह विकास से जुड़ी योजनाओं में जायरीन की सुविधा सर्वोपरि है। योजनाएं जायरीन की सहुलियत को ध्यान में रखते हुए बनाई जानी चाहिए। केन्द्रीय मंत्री श्री रहमान ने मंगलवार को सर्किट हाउस में दरगाह विकास के लिए बनी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट का प्रजेंटेशन देखा एवं विकास से जुड़े विभिन्न सुझाव दिए। प्रजेंटेशन के दौरान मंत्री को बताया गया कि दरगाह विकास के लिए करोड़ों रूपये के कार्य कराए जाएंगे। कायड़ विश्राम स्थली से दरगाह तक निर्बाध आवक-जावक सुनिश्चित करने के लिए वैकल्पिक मार्ग को चौड़ा किया जाना प्रस्तावित है।
वैकल्पिक मार्ग विश्राम स्थली से महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, जनाना अस्पताल होता हुआ नागफणी स्थित नई सड़क से दरगाह तक पहुंचेगा। इस मार्ग को चौड़ा किया जाना एवं सुधार किया जाना प्रस्तावित है। इस पर करोड़ों रूपये खर्च किए जाएंगे।
इसी तरह दरगाह क्षेत्र के आस-पास डे्रनेज, टे्रफ्रिक एवं अन्य सुविधाओं के लिए भी योजना तैयार की गई है। नई सड़क पर पहाड़ी के किनारे सुरक्षा दीवार भी तैयार की जाएगी।
प्रजेंटेशन देखने के बाद अल्पसंख्यक मामलात मंत्री श्री रहमान ने कहा कि दरगाह विकास से जुड़ी योजनाएं जायरीन को ध्यान में रखते हुए तैयार की जाए। दरगाह के आसपास जायरीन की सुविधा के लिए शौचालय, सड़क एवं पार्किंग आदि सुविधाएं विकसित की जाए।
इस अवसर पर उनके साथ दरगाह कमेटी अध्यक्ष श्री ओबेदुल्ला शरीफ एवं नगर निगम के महापौर श्री कमल बाकोलिया सहित कई अधिकारी उपस्थित थे। इससे पूर्व श्री रहमान ने सूफी संत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में जियारत की। उन्होंने दोपहर में मेरवाडा एस्टेट में दिगंबर जैन संघ के कार्यक्रम में भाग लिया एवं केसरगंज ईदगाह एवं वक्फ सम्पत्तियों का निरीक्षण किया।
महापौर ने दिए सुझाव
दरगाह विकास को लेकर आयोजित बैठक में महापौर श्री कमल बाकोलिया ने अल्पसंख्यक मामलात मंत्री श्री के. रहमान को महत्वपूर्ण सुझाव दिए। श्री बाकोलिया ने कहा कि कायड़ विश्राम स्थली से एक छोटी रेल लाईन डालकर उसे अजमेर पुष्कर रेल लाईन से जोड़ दिया जाए तो जायरीन सीधे रेलवे स्टेशन तक आ सकते है। उन्होंने नई सड़क के आसपास हैलीपेड लगाने, शौचालय एवं अन्य सुविधाए विकसित करने तथा छोटे वैकल्पिक मार्ग विकसित करने का सुझाव दिया।