गांव आम्बा (पीसांगन), अजमेर मंे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा चयनित प्रषिक्षणार्थी वैज्ञानिकों के 99 वें समूह द्वारा एक कृषि वैज्ञानिक एवं किसान संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर इन युवा वैज्ञानिकों द्वारा पिछले दस दिन के समय में इस गांव के किसानों द्वारा कृषि फसल उत्पादन एवं पषुपालन के क्षेत्र में विभिन्न समस्याओं के आकंलन कर उसके समुचित समाधान विषय पर आज संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी मंे इस गॉव के विभिन्न किसानों, महिलाओं तथा युवाओं ने भाग लिया। संगोष्ठी का आयोजन गॉव के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में किया गया। ज्ञात रहे कि ये प्रषिक्षणार्थी वैज्ञानिक जो कृषि वैज्ञानिक चयन मण्डल द्वारा चयनित होने के बाद वर्तमान में राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद में प्रषिक्षण प्राप्त कर रहे हैं तथा वर्तमान में तीन सप्ताह के प्रक्षेत्र अनुभव प्रषिक्षण हेतु कृषि विज्ञान केन्द्र, तबीजी, अजमेर के साथ जुड़े हैं तथा इसके माध्यम से ये वैज्ञानिक आम्बा गॉव में किसानों के साथ मिलकर उनकी कृषि एवं पषुपालन विषय में आने वाली विभिन्न समस्याओं के बारे में लगातार जानकारी प्राप्त कर रहें हैं। आज की इस संगोष्ठी के अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र के परियोजना समन्वयक डॉ. गिरीष नारायण माथुर एवं राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र के निदेषक डॉ. बलराज सिंह विषिष्ठ एवं मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। ज्ञात रहे आम्बा गॉव में किसान गेहॅू तथा अन्य धान्य फसलों के अतिरिक्त बड़े पैमाने पर सब्जियों एवं फूलों की खेती कर रहे हैं तथा इन सब्जियों एवं फूलों में आने वाले विभिन्न रोगांे एवं अनेकांे कीडे-मकोड़ों से काफी नुकसान होता है। अतः आज की संगोष्ठी मंे राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान के निदेषक डॉ. बलराज सिंह ने सब्जी एवं फूल फसलों में आने वाली विभिन्न समस्याओं के समुचित समाधान के बारे में किसानों से विस्तृत चर्चा की तथा किसानों एवं युवाओं को राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र से जुड़ने तथा सब्जी एवं फूल फसलों के उत्पादन में आधुनिक तकनीकों एवं सरंक्षित खेती अपनाने का आहवान किया। ज्ञात रहे डॉ. बलराज सिंह देष में सब्जी विज्ञान एवं सरंक्षित खेती के विषेषज्ञ के रूप में जाने जाते है।
कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वयक डॉ. माथुर ने किसानों को पषुपालन विषय में अनेकों महत्वपूर्ण जानकारी दी तथा कृषि विज्ञान केन्द्र पर प्रदर्षित अजोला उत्पादन तथा अन्य तकनीकियों को अपनाने की सलाह किसानों को दी। उन्होने गॉव के षिक्षित बेरोजगार युवाओं को कृषि विज्ञान केन्द्र, तबीजी, अजमेर पर आधुनिक तकनीकियों के विषय पर प्रषिक्षण प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। संगोष्ठी का सम्पूर्ण आयोजन प्रषिक्षणार्थी वैज्ञानिकों श्री मुकेष कुमार मीणा, श्री प्रमोद कुमार साहू, डॉ. अल्का जोषी, डॉ अरविन्द कुमार वर्मा, डॉ सुनील कुमार नायक एवं डॉ. इबेन्डलिन माउलॉग द्वारा किया गया। संगोष्ठी में क्षेत्रिय कृषि पर्यवेक्षक श्री तेजकरण प्रजापति तथा विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री पांचू सिंह भी उपस्थित थे। संगोष्ठी के अन्त में गॉव ग्राम पचायत के सदस्य श्री गुरदयाल गुर्जर ने प्रषिक्षणार्थी वैज्ञानिकों तथा राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र के निदेषक, डॉ. बलराज सिंह, कृषि विज्ञान केन्द्र के समन्वयक डॉ. जी.एन. माथुर तथा डॉ. दिनेष अरोड़ा का धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया कि उन्होने गॉव के किसानों को बहुत महत्वपूर्ण तकनीकी जानकारी दी तथा उन्होने यह भी विष्वास दिलाया की गॉव के किसान एवं युवा निष्चित तौर पर भविष्य में राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र तथा कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़ेगें ताकि वो अपनी खेती को आधुनिक एवं और फायदेमंद बना पायें।