अजमेर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अजमेर द्वारा आगामी दिनों में अक्षय तृतीया एवं पीपल पूर्णिमा के अबूझ सावे पर बाल विवाह रोकने के लिए विशेष कार्य योजना तैयार की गई है। बाल विवाह में भाग लेने वाले प्रत्येक व्यक्ति के खिलाफ बाल विवाह के दुष्परिणाम एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कार्यवाही हो सकती है। प्राधिकरण ने बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता के लिए 10 हजार से अधिक विशेष पेम्पलेट छपवाए है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री सुरेन्द्र पुरोहित ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा छपवाए गए विशेष पेम्पलेट में अधिनियम के प्रावधानों को बताया गया है। बाल विवाह के आयोजन में भाग लेने वाला प्रत्येक व्यक्ति जैसे माता-पिता, रिश्तेदार, बाराती, टैंट वाला, हलवाई एवं अन्य तरह से सहयोग करने वाले व्यक्ति अधिनियम के तहत दण्ड के भागीदार है। पेम्पलेट में बताया गया है कि बाल विवाह की सजा के तौर पर 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक लाख रूपये तक का जुर्माना हो सकता है।
उन्होंने बताया कि बाल विवाह के संबंध में किसी भी तरह की सूचना जिला प्रशासन के कंट्रोल रूम के फोन नम्बर 0145-2627300 एवं विधिक सेवा प्राधिकरण के नम्बर 0145-2633356 पर दी जा सकती है। सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखा जाएगा।
अधिनियम के तहत पटवारी, ग्रामसेवक, पंच, सरपंच एवं आसपास के विद्यालयों के अध्यापकों का दायित्व है कि उनके श्रेत्र में अगर किसी तरह की बाल विवाह की सूचना मिलती है तो उसे पुलिस तक पहुंचाए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने पैरालीगल वाल्ंटीयर्स के माध्यम से अजमेर के 30 से अधिक विद्यालयों में बाल विवाह की रोकथाम हेतु साक्षरता शिविर लगाए है।