बाल विवाह पर दो वर्ष की सज़ा एवं एक लाख रूपये का जुर्माना

ब्यावर। एसडीएम ब्यावर भगवती प्रसाद ने सोमवार को यहां ऑफिसर्स सोसायटी भवन में आवश्यक बैठक आहूत करके पुलिस उपाधीक्षक घनश्याम शर्मा , बीसीएमओ डॉ0 सीएल परिहार, बीईईओ लक्ष्मणसिंह पंवार, सीडीपीओ श्रीमती गीता शर्मा सहित अन्य विभागीय अधिकारियों तथा जनचेतना मंच ब्यावर के पदाधिकारी एडवोकेट महेन्द्र बोहरा सहित अन्य एनजीओ, विभिन्न बैण्ड वादको, घोड़ी/टेंट वालों, हलवाईयों आदि के साथ अक्षय तृतीया एवं अन्य अबूझ सावों के मौके पर होने वाले बाल-विवाह आयोजन संबंधित कुरीति केा लेकर गहराई से चर्चा की और समाज एवं देश हित में इस कुरीति के निवारण की आवश्यकता प्रतिपादित की। बैठक दौरान एसडीएम ने बाल-विवाह की चपेट में आने वाले बालक-बालिकाओं के सुनहरे भविष्य को बचाने हेतु हर अभिभावक एवं नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी बताई और यह खुलासा किया कि बाल विवाह आयोजन की दशा में दो वर्ष की सज़ा एवं एक लाख रूपये के जुर्माने हो सकता है। बाल विवाह कराने वाले अभिभावक ही नहीं बल्कि उसमें मदद वाले बैण्डवादक, घोड़ी वाले, हलवाई, पण्डित, आदि सभी सहयोगी दोषी माने जाएंगे तथा उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज़ करायी जाएगी। बाल-विवाह आयोजन संबंधी सूचना एसडीओ ऑफिस केा दूरभाष नं. 01462-257336 एवं मोबाईल नं. 9461101369 पर सूचित किया जा सकता है। सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम गोपनीय रखते हुए तत्परता से कार्यवाही को अंज़ाम दिया जाएगा।
एसडीएम ने बैठक में अधिकारियों को निर्देशित किया वे अपने अधीनस्थ कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहयोगिनी, एएनएम, ग्राम सेवक, बीट-कांस्टेबल, हलका पटवारी, गिरदावर इत्यादि कार्मिकों के माध्यम से ऐरिया में पूरी चौकसी रखेंगे तथा कहीं से बाल विवाह आयोजन के बारे में जानकारी मिलें अथवा संभावना हों, के बारे में प्रशासन एवं पुलिस थाना को अविलम्ब सूचित करवाना सुनिश्चित करेंगे। बीईईओ को आदेशित किया िक क्षेत्राधीन शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत् छात्रा-छात्राओं हेतु विभिन्न प्रेरक गतिविधियों का आयोजन करतेहुए बाल-विवाह कुरीति के दोषों एवं दुष्परिणामेंा बारे में अभिभावकों को जागरूक बनाएंगे।

प्रिन्टिंग प्रेस सतर्कता बरतते हुए प्रशासन करेंगे सहयोग
बैठक दौरान एसडीएम ने कहा कि बाल-विवाह आयोजन को रोकने में प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एसडीएम ने प्रिन्टिंग प्रेस मालिकों को सचेत किया कि जबभी विवाह आयोजन के कार्ड छपवाने का मामला उनकी प्रिन्टिंग प्रेस में आता है तो सबसे पहले संबंधित अभिभावक से लड़की के विवाह हेतु 18 वर्ष की आयु तथा लड़के के विवाह हेतु हेतु 21 वर्ष की आयु न्यूनतम होना सुनिश्चित करेंगे। आयु प्रमाणपत्रा के अभाव में विवाह कार्ड प्रिन्ट करने से इंकार कर देंगे। यदि तकनीकी समस्या हों तो आयु संबंधी कार्ड की फोटो प्रति एक स्वयं के पास रखतेहुए एक फोटो प्रति एसडीएम कार्यालय को भी भिजवाएंगे। एसडीएम ने यहभी स्पष्ट किया कि विवाह के हरेक कार्ड पर प्रिन्टिंग प्रेस का नाम अंकित होना भी नितांत आवश्यक है।
बैठक अवसर पर पुलिस उपाधीक्षक घनश्याम शर्मा ने कहा कि प्रशासन एवं नागरिकों के सामूहिक सहयोग से बाल-विवाह कुरीति का निवारण किया जाना सम्भ्।व है। उन्होंने आश्वस्त किया कि बालविवाह आयोजन संबंधी सूचना मिलने पर त्वरित कदम उठाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी।

error: Content is protected !!