मोदी बकलोली करते रहें तो अच्छे दिन… केजरीवाल जेल भी चले जाएं तो ड्रामा!

यशवंत सिंह
यशवंत सिंह

मोदी लगातार बार बार सिर्फ बकलोली करता रहे तो अच्छे दिन… केजरीवाल करप्शन से लड़ते हुए जेल भी चला जाए तो ड्रामा… हद है दलाल मीडिया की.. लगता है इन सालों पर चुनावी ब्लैक एंड ह्वाइट पैसे का कर्ज और फर्ज निभाना अभी बाकी है जिसके कारण एकपक्षीय चारण गान व दूसरों का मान मर्दन अभियान जारी रखे हुए हैं…

अरे कुछ तो पेशे की गरिमा रखो… एकदम्मे से सब नियम-नैतिकता घोर के पी जाओगे क्या… कुछ तो गहराई से सोचो विचारो दिखाओ… सब सतही छिछला पेड अनैतिक उबाऊ कुत्सित एकांगी निहित स्वार्थी और प्रचारात्मक है… कहां है संवेदनशीलता, नैतिकता, निष्पक्षता, संतुलन, गहन अध्ययन और वर्जन… सब गए तेल लेने… चिंता मत करो… ये जनता झुट्ठों के बात पर भरोसा करके उन्हें बहुमत दिलाना जानती है तो बाद में पटक कर एक-एक की सांसदी, कुर्सी छीनना भी जानती है… यकीन न हो तो अखिलेश बाबू, माया बहन जी से पूछ लो…

कभी तो ऐसा होगा कि सेंटर में ऐसी सरकार आएगी जो चिटफंडियों, बिल्डरों, घुसखोरों, ब्लैकमेलरों, नेताओं, नौकरशाहों, माफियाओं के न्यूज चैनलों के लाइसेंस को निरस्त करते हुए इन्हें इनके औकात पर ले आएगी.. बुरे पैसे से संचालित चैनलों से हम अगर सदिच्छा और नैतिकता की उम्मीद रखे हुए हैं तो ये हमारी खुद की दिक्कत है, चैनलों व चैनल मालिकों की की नहीं. फिर भी, जो दिखता है आंखों के सामने, उसे देखकर इगनोर तो नहीं ही किया जा सकता है.. गलत देखते देखते अपन का भी मन मिजाज किरकिरा जाता है और फिर एकतरफा भड़ास निकालने का दिल करता है जी… कुछ इस तरह जी…

http://goo.gl/wGfRJX

भों भों भों…

जैजै

भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.

1 thought on “मोदी बकलोली करते रहें तो अच्छे दिन… केजरीवाल जेल भी चले जाएं तो ड्रामा!”

  1. जब केजरीवाल हर समय मीडिया में छाए रहते थे तब क्या उन्होंने इसे खरीद रखा था?केजरीवाल को नशा हो गया है मीडिया में छाए रहने का, अब जब उन्हें नहीं दिखाया जाता तो यह तकलीफ वाला विषय बन गया है उन्हें किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई शिकायत है तो आरोप लगाने के बजाय सबूतों के साथ पुलिस केस क्यों नहीं करते?अब अदालत की अवमानना कर वे फिर सुर्खियां बटोर रहे है ताकि जनता का ध्यान उन पर रहे। बांड भरने के बजाय वे सीधे ज़मानत चाह रहे हैं जब की यह कानून सम्मत नहीं यदि कोर्ट ऐसा करेगी तो फिर हर आदमी ऐसे ही अड़ कर खड़ा हो जायेगा व व्यवस्था नाम की कोई चीज ही नहीं रहेगी आम आदमी का दवा करने वाले केजरीवाल अपने को आम आदमी से अलग ऊपर समझते हैं वह खुद को गांधी भगतसिंह जैसा महान बताने दिखने की कोशिश में है

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